Varanasi News: ठहाको से भरपूर महामूर्ख मेला ,गड़बड़ मंत्र गड़बड़ जोड़ी चट मंगनी पट शादी ,चटपट छूट्टम छुट्टा

वाराणसी । बाबा विश्वनाथ का शहर काशी में परंपरा के अनुरूप हर साल एक अप्रैल को महामूर्ख मेला का आयोजन किया जाता है ।आयोजक संस्था शनिवार गोष्ठी के पूर्व अध्यक्ष जगदम्बा प्रसाद तुल्यस्यान को दो मिनट तक ठहाके लगाकर कवियों ने श्रद्धांजली अर्पित की । इस वर्ष
हंसी ठिठौली की अनोखी परंपरा के अनुसार महामूर्ख मेला 2024 सम्मान हास्य के ख्यात कवि शंभू शिखर को दिया गया । उन्हे रावण का मुकुट व हनुमान जी की गदा देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान कवियों ने अपने व्यंग्य और शेर ओ शायरी से महफिल में समां बांधा। अद्भुत शहर काशी में शनिवार गोष्ठी में गड़बड़ मंत्र गड़बड़ जोड़ी और गड़बड़ मंत्रोच्चारों से बंगाली रीति रिवाज का मुकुट धारण करके दूल्हा बनी डॉ नूतन सिंह और दुल्हन के रूप में डॉ कर्मराज सिंह का शादी संपन्न हुआ और कुछ ही देर बाद दूल्हे ने दुल्हन को स्वीकारने से मना कर दिया और चटपट छूट्टम छुट्टा भी हो गया । हर कोई इस अद्भुत विवाह के साक्षी बने ।

इस अद्भुत तरह के आयोजनों की शृंखला में एक अप्रैल यानी मूर्ख दिवस के दिन काशी के राजेंद्र प्रसाद घाट पर बने ओपन थिएटर यानी घाटों की सीढ़िया पर मौजूद लोगो की भारी भीड़ के बीच महामूर्ख मेले का आयोजन हुआ । इस आयोजन में एक से बढ़कर एक बुद्धिजीवी आते हैं, लेकिन नाम इसे महामूर्ख मेला दिया जाता है और काशी के विद्युत जान और वरिष्ठजनों के साथ जुड़ती है. भारी भीड़ जहां हंसी ठिठौली के बीच एक ऐसी परंपरा भी निभाई जाती है जो हमारे और आपके जीवन का महत्वपूर्ण अंग है । जिसमें सुदामा तिवारी जिन्हें काशीवासी सांड बनारसी के नाम से जाना जाता है, उनके संरक्षण में यह आयोजन विगत कई वर्षों से किया जा रहा है । विलुप्त की कगार पर पहुंचे नगाड़ा नाच आकर्षण का केंद्र रहा ।महामूर्ख मेला में हास्य कवियों ने अपनी रचनाओं से लोगो को खूब गुदगुदाया । महापौर अशोक तिवारी व सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने कवियों को बेधंगी टोपी पत्थरों की माला और दुपट्टा आदि देकर सम्मानित किया ।
इस परंपरा को निभाने के लिए दमदार बनारसी ने एक से बढ़कर एक व्यंग पेश करते हुए लोगों को हंसने पर मजबूर कर दिया । धर्मराज उपाध्याय ने अपने व्यंग्य के साथ अपनी बातों को रखा. पुलिस के एंटी रोमियो एस्कॉर्ट से लेकर देश के वर्तमान हालात पर भी कईयों ने अपने तरीके से व्यंग्य के तीर चला कर लोगों को खूब हंसाया । जिसपर हर वक्त शनिचर सवार होता है वो स्वर दिया , जिसमे कल्याण विशाल, डॉ प्रशांत सिंह , रायबरेली के नरकंकाल ,विभा सिंह , उत्कर्ष उत्तम बुलडोजर ,धर्मराज उपाध्याय आदि कवियों ने रचनाएं सुनाई ,बनारसी अल्हड़मिजाजी के प्रतिक इस आयोजन में स्वागत सुदामा तिवारी सांड बनारसी ने किया । शेवारामानी ,विवेक सिंह ,जोगेंद्र बनारस, नंदकुमार ,वीरेंद्र कुमार ,अरूण सोनी,विवेक शंकर तिवारी , आदि लोग उपस्थित रहे ।