उत्तर प्रदेशवाराणसी

Varanàsi : लॉर्ड विश्वेश्वर मामले में छह जनवरी को होगी अगली सुनवाई,मूल वादी के भतीजे ने पक्षकार बनने के लिए पेश की दलील

वाराणसी । सिविल जज सीनियर डिवीजन (फास्ट ट्रैक) युगल शंभू की अदालत में गुरुवार को वर्ष 1991 के लॉर्ड विश्वेश्वर के पुराने मामले में सुनवाई हुई। पक्षकार बनाए जाने की अर्जी पर योगेंद्र नाथ व्यास की ओर से अपनी जवाबी दलील पूरी की गई। इस मामले में अगली सुनवाई छह जनवरी को होगी। लॉर्ड विश्वेश्वर केस के मूल वादी रहे सोमनाथ व्यास के भतीजे योगेंद्र नाथ व्यास की ओर से अधिवक्ता पीएन मिश्रा ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि लॉर्ड विश्वेश्वर के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी कानून के विद्वान हो सकते हैं, मगर उनके मुवक्किल के पास इस मुकदमे के संबंध में जितना साक्ष्य है, उतने अन्य किसी के पास नहीं हैं। यहां तक कि वाद मित्र के पास भी नहीं है। उनके मुवक्किल के ताऊ रहे पंडित केदार नाथ व्यास ने काशी के संबंध में एक पुस्तक लिखी थी। जिसमें उन्होंने काशी के समस्त तीर्थों और बाबा विश्वनाथ के संबंध में वर्णन किया है। उक्त पुस्तक के बारे में केवल उनके मुवक्किल को ही पता है। वाद मित्र को उक्त पुस्तक के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। उनके मुवक्किल के वंश क्रम में ही गुरु वशिष्ठ थे। विश्वनाथ जी के पूजा-पथ और उनकी परिक्रमा कैसे की जाती है, कहां शुरू की जाती है, सिर्फ उन्हें ही पता है। इसलिए उनके मुवक्किल मुकदमे में पक्षकार बनने के हकदार हैं। ताकि मुकदमे को सफलता पूर्वक पक्ष रख सके। बता दे कि पिछले दिनों वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने अपनी दलील में कहा था कि योगेंद्रनाथ व्यास ने व्यास गद्दी के व्यक्तिगत अधिकार को लेकर दावा किया है। आम हिंदू, जनता और काशी विश्वनाथ के हित के संबंध एक भी शब्द अर्जी में नहीं दर्शाए हैं। यह मुकदमा व्यास गद्दी का नहीं है। इसलिए उनके मुकदमे में योगेंद्रनाथ व्यास को पक्षकार बनने का अधिकार नहीं है। उनका विवाद काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास और सरकार से है, जिन्होंने व्यास गद्दी के नियत स्थान से हटा दिया है। मूल वाद में पक्षकार बनाने के लिए प्रक्रिया 1992 में ही शुरू हुई थी। 33 साल बाद बिना कारण बताए पक्षकार बनने का ख्याल कैसे आ गया। एक अर्जी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से भी दी गई थी, जो पूर्व में ही खारिज हो चुकी है। ऐसे में आवेदक की अर्जी स्वीकार करने योग्य नहीं है।

Advertisements

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button