
जयपुर । जोधपुर रेंज आईजी आईपीएस विकास कुमार की स्पेशल टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पेपर लीक मामलों में फरार चल रहे तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर एसओजी के हवाले किया । लंबे समय से फरार चल रहे इन आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने जिस तरीके से मेहनत की वह काबिले तारीफ है।
इनमें 75,000 रुपए का इनामी ओमप्रकाश ढाका, 70,000 रुपए की इनामी शम्मी बिश्नोई और 25 हजार का इनामी सुनील बेनीवाल शामिल है। ये तीनों आरोपी पेपर लीक माफियाओं के बड़े गुर्गे थे जिन्होंने कई प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर आउट करने में अहम किरदार निभाया और बड़ी संख्या में डमी कैंडिडेट बैठाकर कई अयोग्य लोगों की सरकारी नौकरी लगा दी। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि इन तीनों को तलाशने के लिए पुलिस टीम को कई रूप धारण करने पड़े। कभी चाय और पानी पूरी का ठेला लगाया तो कभी गैस सिलेंडर सप्लायर बनी। पुलिस की एक टीम तो कई दिनों तक कृष्ण भक्त और गौ भक्त बनकर वृंदावन, बनारस और बरसाना सहित कई इलाकों के मंदिरों और सत्संगों में हिस्सा लेती रही। कई गौरक्षा रैलियों में भी हिस्सा लिया, तब जाकर इन आरोपियों को पकड़ा जा सका।वैसे पुलिस जब भी कोई कार्रवाई करती है तो किसी को बताती नहीं है कि कार्रवाई को अंजाम कैसे दिया। यह पुलिस का सीक्रेट ऑपरेशन और काम करने का गोपनीय तरीका होता है लेकिन जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार अपनी टीम की हौसला अफजाई और उनकी मेहनत की दाद देते हुए पहली बार पुलिस के सीक्रेट प्लान को सबके सामने रखा। आईपीएस विकास कुमार ने केवल उन्हीं दो गोपनीय तरीकों को सार्वजनिक किया जिनकी वजह से पेपर लीक माफिया ओमप्रकाश ढाका, सुनील बेनीवाल और शम्मी बिश्नोई को पकड़ा जा सका। उनका कहना है कि पुलिस टीम ने कई तरीके अपनाए, सब तरीकों को बताना उचित नहीं है क्योंकि यह पुलिस का अपना वर्क स्टाइल है।आईपीएस विकास कुमार ने बताया कि एसओजी के निर्देश पर उनकी टीम पिछले कई दिनों से वांछित ओमप्रकाश ढाका और सुनील बेनीवाल की तलाश कर रही थी। जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर, सांचौर सहित आसपास के उन सभी लोगों की जानकारी जुटाई गई जो काम के सिलसिले में राज्य के बाहर रहते हैं। पेपर लीक गैंग के कई सदस्य विदेशों में रहते हैं। पुलिस की तकनीकी जांच से पता चला कि विदेश से कई कॉल राजस्थान और हैदराबाद आ रहे हैं। फिर पुलिस ने हैदराबाद रहने वाले सांचौर के कुछ लोगों पर निगरानी रखना शुरू किया। कई लोगों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के बाद यह कन्फर्म हो गया था कि वांछित आरोपी हैदराबाद में ही छिपे हैं। देश के बड़े शहरों में शामिल हैदराबाद में आरोपियों को ढूंढना बड़ा चैलेंज था क्योंकि आरोपी मोबाइल या अन्य किसी भी तरह की डिजिटल डिवाइस का इस्तेमाल नहीं करते थे।पुलिस की टीम कई दिनों तक हैदराबाद में डेरा डाले रही। सांचौर के लोग जो लोग हैदराबाद में काम करते हैं, उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी। इस दौरान पता चला कि सांचौर का एक व्यक्ति दिनेश किराए के कमरे में अकेला रहकर स्टील की रेलिंग बनाने का काम करता है। दिनेश के कमरे में घरेलू गैस सिलेंडर पहले दो से तीन महीने तक चलता था लेकिन इन दिनों दिनेश एक महीने में दो गैस सिलेंडर बुक करा रहा है। फिर क्या था जैसे ही नए गैस सिलेंडर की बुकिंग हुई तो पुलिस ने टीम ने रात के दो बजे गैस सिंडर कंपनी के हैड ऑफिस दिल्ली कॉल किया। बड़े अधिकारी को जगाया और कहा कि उक्त बुकिंग नंबर का एड्रेस चाहिए। अधिकारी ने जानकारी जुटाकर रात को तीन बजे पुलिस को एड्रेस और डीलर की जानकारी दे दी।पुलिस टीम ने आरोपियों को पकड़ने की पूरी तैयारी कर ली। अल सुबह गैस सिलेंडर की एजेंसी पहुंच गई और संदिग्ध व्यक्ति के जो बुकिंग नंबर पुलिस के पास थे। वहां तक गैस सिलेंडर खुद पहुंचाने की बात कही। कंपनी के अफसरों के निर्देश के बाद एजेंसी के कर्मचारियों ने पुलिसकर्मियों को भरा हुआ गैस सिलेंडर दे दिया। इसके बाद एक पुलिसकर्मी ने गैस सिलेंडर सप्लायर की ड्रेस पहनी यानी कंपनी की ओर से दिया जाने वाला कमीज पहना और सिलेंडर लेकर दिए गए पते पर पहुंच गया। अन्य अधिकारी भी साथ में रहे। एक अपार्टमेंट की दूसरी मंजिल तक पुलिसकर्मी कंधे पर गैस सिलेंडर लेकर चढे। एक फ्लैट की डोर बैल बजाई। दरवाजा सुनील बेनीवाल ने खोला। गैस सिलेंडर लेकर पुलिस फ्लैट में पहुंची। अंदर के कमरे में ओमप्रकाश ढाका आराम से लेटा हुआ मिला। पुलिस टीम ने दोनों से पूछताछ की और हिरासत में लेकर जोधपुर ले आई। इस तरह से दोनों आरोपियों को पुलिस दबोचने में कामयाब रही।