प्रोफेसर सुधाकर राव फाउंडेशन द्वारा स्वामी जी के जीवन पर एक विचार गोष्ठि का आयोजन ,बनारस के मंच पर

वाराणसी । कांची कमकोटि के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती जी महाराज महापेरियावा के समाधिलीन 30 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में प्रोफेसर सुधाकर राव फाउंडेशन द्वारा स्वामी जी के जीवन पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन रविवार को अस्सी घाट स्थित सुबह बनारस के मंच पर किया गया ।
कार्यक्रम संयोजक पंकज अग्रवाल ने बताया कि भारतीय सनातन संस्कृति, संस्कारों एवं लोककल्याण के लिए समर्पित महपेरियावा के जीवन मूल्यों एवं उनके द्वारा स्थापित आदर्श को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित विचार गोष्ठी का शुभारंभ बटुको द्वारा वैदिक मंगलाचरण से किया गया। इस अवसर पर काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज ने मुख्य उद्बोधन में कहा कि वाराणसी से महा पेरियावा का जुड़ाव शुरू से रहा है इसलिए काशी के एक घाट का नामकरण उत्तर प्रदेश सरकार से आग्रह है कि उनके नाम से किया जाना चाहिए।

फाउंडेशन के अध्यक्ष जी वी अंशुमन राव ने जगद्गुरु शंकराचार्य जी को माल्यार्पण ,अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया किया। विश्व वैदिक सनातन न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संतोष सिंह ने अतिथियों का स्वागत व सम्मान किया। काशी के सुप्रसिद्ध वैदिक विद्वान पंडित चंद्रशेखर घनपाठी ने विषय प्रवेश करते हुए स्वामी जी के जीवन प्रसंगों पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर समाज में उल्लेखनीय योगदान करने वाले को भी सम्मानित किया गया। जिसमें प्रमुख रूप से पंडित जगदीश शंकर दीक्षित, पंडित चंद्रशेखर घनपाठी,पंडित शैलेश कृष्ण पांडे, दिलीप सिंह ,चक्रवर्ती विजय नावड, मुकुंद अग्रवाल, राजमोहन अग्रवाल,दीपक अग्रवाल,आनंद सिंह,उदय नारायण यादव, सुष्मिता सेठ, विभु पांडे डिंपल, शांभवी झींगन , रीता जायसवाल सहित अनेक लोगों को जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज ने अंगवस्त्रम एवं मान पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन चक्रवर्ती विजय नावड ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सत्य सनातन सेवा संस्थान के संस्थापक स्वामी मुक्तानंद सरस्वती जी महाराज, श्रवण दास जी महाराज, अजय मेहरोत्रा सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।