उत्तर प्रदेशनॉएडा

Noida Update : भारतीय सिम उपलब्ध कराने वाला इंटरनेशनल रैकेट का भंडाफोड़, चीनी नागरिक सहित पांच गिरफ्तार

नोएडा । एक्सप्रेसवे पुलिस टीम ने फ्रॉड के लिए अपराधियों को बैंक अकाउंट और भारतीय सिम उपलब्ध कराने वाला एक इंटरनैशनल रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए एक चीनी नागरिक सहित 5 आरोपी को गिरफ्तार किया हैं। गिरफ्तार चीनी नागरिक ने दुबई के साथ नोएडा में ठिकाना बनाया हुआ था। वह बिजनेस वीजा पर यात्रा कर रहा था। वहीं लखनऊ का एक आरोपी जो मेला व बाजार लगवाने का काम करता है वह रेहड़ी-पटरी दुकानदारों के बैंक अकाउंट किराये पर लाकर देता था। पुलिस के मुताबिक, चीनी नागरिक विदेश में जिन लोगों को गैर कानूनी गतिविधियों के लिए भारतीय बैंक अकाउंट व सिम की जरूरत होती थी उन्हें उपलब्ध कराने के लिए डील करता था।

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कर्नाटक का एक शख्स भी इस रैकेट में शामिल है। वह चीनी नागरिक और बाकी आरोपियों के बीच ट्रांसलेटर का काम करता था।चीनी नागरिक के पकड़े जाने और सिम कार्ड विदेश भेजे जाने के इनपुट पर एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। अभी कई बिंदुओं पर जांच चल रही है। एक्सप्रेसवे थाना पुलिस की तरफ से की गई इस कार्रवाई की जानकारी डीसीपी नोएडा विद्या सागर मिश्रा ने बुधवार को दी। डीसीपी ने बताया कि एक सूचना के आधार पर एसीपी शैव्या गोयल की अगुवाई में टीम बनाकर छापेमारी की गई। टीम ने 5 व्यक्तियों को पकड़ा। इनकी पहचान चीन की सांग कांग सिटी निवासी झू जुनकाई, कर्नाटक के मैसूर निवासी टेनजिंग कलसेंग, हिमाचल प्रदेश के त्सेरिंग धोन्दुप, लखनऊ के कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी के रूप में हुई है।

टेनजिंग कलसेंग और त्सेरिंग धोन्दुप मूलरूप से तिब्बत के निवासी हैं।पूछताछ में पता चला कि ये लोग मिलकर गैर कानूनी गतिविधियों के लिए खासकर ठगों को बैंक अकाउंट और सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से 223 सिम ( 94 नए सिम कार्ड, 114 खाली सिम कार्ड रेपर), 21 मोबाइल, 2 लैपटॉप, 7 आधार कार्ड, 4 पेन कार्ड, 9 डेबिट कार्ड, 2 पासबुक, 5 चेकबुक, 1 ड्राइविंग लाइसेंस, 7 कंपनी आईडी, 2 पासपोर्ट और वीजा, 15 विदेशी नोट, 2 अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस, चाइनीज पासपोर्ट और 23 हजार 110 रुपये बरामद किए।

पुलिस को इनके पास से किराये के 20 बैंक अकाउंट भी मिले हैं। यह बैंक अकाउंट अलग-अलग रेहड़ी पटरी दुकानदारों के हैं।पुलिस के मुताबिक, इस रैकेट के सभी गुर्गों का काम बंटा हुआ था। लखनऊ के जानकीपुरम का कृष्ण मुरारी मेला और बाजार लगवाता है। वह इसमें आने वाले छोटे दुकानदारों से बैंक अकाउंट किराये पर लेता था। सेविंग अकाउंट के लिए एक ट्रांजैक्शन पर 2 हजार तो करंट अकाउंट के लिए 20 हजार रुपये किराया देने का करार था। यह मूलरूप से बिहार का निवासी है इसलिए बिहार से भी कई बैंक अकाउंट इस तरह किराये पर लिए थे। गरीबों के दस्तावेज का इस्तेमाल कर सिम भी निकलवाए जाते जो साइबर ठगी में इस्तेमाल होते थे। कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी सिम कार्ड टेनजिंग कलसेंग और त्सेरिंग सिम को देते थे। टेलीग्राम पर जैसे ही ठगों से ऑर्डर मिलता था उन्हें खाते और सिम मुहैया करा दिए जाते थे।


चीनी नागरिक झू जुनकाई का काम इन चारों का ठगी करने वाले जालसाजों से संपर्क कराने का था। वह अफ्रीका और दुबई समेत अन्य जगहों पर भी रहा है। ऐसे में उसका नाइजीरियन समेत अन्य बड़े रैकेट से संपर्क सामने आ रहा है। पुलिस के मुताबिक वह विदेश में बैठे ठगों को खाते उपलब्ध कराता है। शोभित बेरोजगारों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनके दस्तावेज और बैंक अकाउंट ले लेता है। शोभित और कृष्ण मुरारी ने 12वीं तक की पढ़ाई की है।एडीसीपी नोएडा मनीष मिश्र ने बताया कि चीनी नागरिक के वीजा और पासपोर्ट सही मिले हैं। वीजा अगस्त 2024 तक के लिए वैध है। चीनी नागरिक का अन्य चारों से सीधा संपर्क है। वह बिजनेस वीजा पर भारत आया है। पूछताछ में आरोपियों ने 20 खातों की जानकारी दी है, इनकी जांच चल रही है।

एक बैंक अकाउंट से 51 लाख रुपये का ट्रांजैक्शन मिला है। चीनी नागरिक ने अच्छे कॉलेज से पढ़ाई की है। वह तीसरी बार भारत आया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपियों से आगे जाने वाले सिम कार्ड का उपयोग कॉलिंग के लिए नहीं किया जाता था। इनसे वॉट्सऐप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल नेटवर्किंग प्लैटफॉर्म समेत अन्य के लिए ओटीपी लेने का उपयोग किया जाता है।

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