उत्तर प्रदेशवाराणसी

Varanasi News: गंगा सप्तमी पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष आयोजन: भव्य गंगाभिषेक और संगीतमय भजन संध्या का आयोजन

वाराणसी। गंगा सप्तमी के पावन पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। प्रातः 6 बजे ललिता घाट पर गंगाभिषेक हेतु भव्य पुष्प द्वार सजाकर गंगाभिषेक पूजन संपन्न हुआ। गंगाभिषेक के पश्चात प्रांगण स्थित गंगा मंदिर में विशेष आराधना की गई। इसी श्रृंखला में मंदिर चौक स्थित शिवार्चनम मंच से मां गंगा एवं महादेव की स्तुति में संगीतमय भजन संध्या “गंगार्चनम” का आयोजन किया जाएगा।

Advertisements

गंगावतरण की पौराणिक कथा


सनातन परंपरा के अनुसार, मां गंगा ब्रह्मदेव के कमंडल से उत्पन्न हुई मानी जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, चक्रवर्ती सम्राट सगर के अश्वमेध यज्ञ के दौरान अश्व चोरी हो गया था। सगर के पुत्रों ने अश्व की खोज के दौरान कपिल मुनि से धृष्टता की, जिससे क्रोधित होकर कपिल मुनि ने उन्हें भस्म कर दिया।

बाद में, सम्राट सगर के वंशज भगीरथ ने अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए ब्रह्मदेव की तपस्या की। ब्रह्मदेव ने गंगा की जलधारा को समाधान बताया, लेकिन गंगा का वेग पृथ्वी के लिए असहनीय था। भगीरथ ने महादेव शंकर की तपस्या की और महादेव ने गंगा जी के वेग को अपनी जटाओं में धारण कर मंद किया, जिससे धरावतरण संभव हुआ।

काशी की गंगा


पौराणिक कथाओं के अनुसार, पांड्य नरेश पुण्यकीर्ति ने गंगा जी से प्रतिदिन देवी स्वरूप में साक्षात दर्शन करने का वर मांगा। गंगा जी ने कहा कि इसके लिए उन्हें काशी में निवास करना होगा, जो उनका गृहनगर है। गंगा जी ने बताया कि वह महादेव शंकर की जटाओं से मुक्त होकर हिमालय से उतरकर प्रयाग पहुंचीं, जहां यमुना जी की जलराशि को धारण कर काशी की सीमा पर आईं। भगवान विश्वनाथ ने गंगा का प्रवाह रोक दिया, जिससे भगीरथ ने भगवान विश्वनाथ से प्रार्थना की। भगवान विश्वनाथ ने तीन वचन लेकर गंगा जी को प्रवाह मुक्त किया, जिसके बाद काशी ही गंगा जी का गृहनगर बन गया।

अपने घर में गंगा जी का उत्सव


इन पौराणिक आख्यानों और सनातन परंपरा के निर्वाह में इस वर्ष श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा गंगा जी का महोत्सव भव्य आयोजन के साथ मनाया जा रहा है। संपूर्ण धाम को सुंदर सजावटी प्रकाश से सजाया गया है। गंगा सप्तमी के दिन ललिता घाट पर सुंदर पुष्प द्वार सजाकर गंगा जी का अभिषेक किया गया और धाम परिसर स्थित गंगा मंदिर में विशेष आराधना की गई। सांध्यवेला में भव्य सांगीतिक भजन संध्या “गंगार्चनम” का आयोजन किया जाएगा।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने सभी श्रद्धालुओं को इस आयोजन में ससम्मान आमंत्रित किया है। जो श्रद्धालु उपस्थित नहीं हो सकते, वे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल फेसबुक और यूट्यूब चैनल पर ऑनलाइन सहभागिता कर सकते हैं। मंदिर न्यास सभी आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत हेतु तत्पर है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button