Varanàsi : बिजली के निजीकरण के खिलाफ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा विरोध सभा आयोजित

वाराणसी । बिजली के निजी करण के खिलाफ उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा भिखारीपुर स्थित हनुमान मंदिर के पास कर्मचारियों ने विरोध सभा आयोजित किया । कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से मांग की कि वह निजीकरण के प्रस्ताव को जनहित में रद्द कर दें। इसके अलावा, 13 जनवरी को पूरे प्रदेश के बिजली कर्मचारी काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे और विरोध सभा करेंगे। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा- यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया जाता। उन्होंने बताया कि यदि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों का निजीकरण हो जाता है, तो पूरे प्रदेश की बिजली व्यवस्था निजी हाथों में चली जाएगी। कर्मचारियों का कहना था कि बिजली का निजीकरण सबसे अधिक गरीब उपभोक्ताओं और किसानों को प्रभावित करेगा, क्योंकि निजी क्षेत्र में बिजली की दरें काफी बढ़ सकती हैं। इस संबंध में अंकुर ने बताया कि निजीकरण से करीब 50 हजार संविदा कर्मियों और 26 हजार नियमित कर्मचारियों की छंटनी हो सकती है। संघर्ष समिति ने यह भी ऐलान किया कि आगामी दिनों में वे रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के माध्यम से जन जागरूकता अभियान चलाएंगे और उपभोक्ताओं को निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी देंगे।