उत्तर प्रदेशवाराणसी

Varanasi News: मैने राजनीतिक सिद्धांती और शुचिता का उल्लंघन देखते हुए सपा से नाता तोड़ने का फैसला किया है : ओम प्रकाश बाबा दूबे

वाराणसी। एक बेहद महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फेस में शनिवार को पूर्वांचल के जनप्रिय नेता और बदलापुर विधान सभा क्षेत्र से पूर्व विधायक ओम प्रकाश बाबा दुबे ने समाजवादी पाटी से अपनी प्राथमिक सदस्यता त्यागने की घोषणा की। पूर्व विधायक ओम प्रकाश ‘बाबा’ दुबे ने कहा, “मैंने राजनीतिक सिद्धांती और शुचिता का उल्लंघन देखते हुए पार्टी से नाता तोड़ने का फैसला किया है।

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मैने राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव जी को पत्र लिखकर, अपने निर्णय की सूचना दे दी है। उन्होंने आगे कहा, “मैंने जौनपुर से आपराधिक एवं भ्रष्टाचारी आचरण के बाबू सिंह कुशवाहा को बाँदा से लाकर समाजवादी पार्टी द्वारा इडी गठबंधन का प्रत्याशी बनाए जाने की वजह से यह कदम उठाया है। अपने पत्र में मैंने बाबू सिंह कुशवाहा ‌द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में स्वीकार किए गए आपराधिक मुकदमों का उल्लेख किया है।

उन्होंने बताया, “बाबू सिंह कुशवाहा के ऊपर दर्जनौ भ्रष्टाचार और आपराधिक मुकदमे और उनकी जेल यात्रा केंद्र में कांग्रेस और राज्य की अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार के दौरान हुए थे। जमानत पर बाहर बाबू सिंह कुशवाहा को आज उन्हीं दोनों पार्टी ‌द्वारा इंडी गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में भेजे जाने से जनपद में काफी जन आक्रोश व्याप्त है। बाबा दुबे ने कहा कि “मेरे निजी और राजनीतिक सिद्धांतों के विपरीत होने के कारण, मैंने उपरोक्त पृष्ठभूमि एवं आचरण वाले किसी भी व्यक्ति का समर्थन या प्रचार ना ही पूर्व में कभी करना स्वीकार किया, ना ही वर्तमान में करना स्वीकार करूंगा।

अतएव, मैं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रहा हूँ। मैंने ऐसी ही परिस्थितियों में 2009 में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार रहते, बसपा से नाता तोड़ दिया था और सपा का साथ देने का निर्णय लिया था। बाबा दुबे ने बताया, “2012-2017 के दौरान विधायक रहते हुए मैने बदलापुर विधानसभा की पूरे प्रदेश में न्यूनतम अपराध दर और अष्टाचार मुक्त वाले प्रगतिशील विधानसभा की पहचान दिलाई। मैं अपने 75000 से ज्यादा सदस्यों वाले बाबा मित्र परिषद परिवार, क्षेत्र, समर्थकों और शुभचिंतकों के इच्छा अनुरुप निर्भीक, स्वच्छ और बेदाग जन राजनीति पूरी ताकत के साथ आगे भी करता रहूंगा।

समाजवादी पार्टी के मज़बूत स्तंभ माने जाने वाले नेता बाबा दुबे का जाना ऐसे समय में हुआ है जब पार्टी ने भ्रष्टाचार और अपराध में लिप्त बाबू सिंह कुशवाहा को जौनपुर से अपना उम्मीदवार बनाने के विवादास्पद फैसले पर जनता का आक्रोश झेलना पड़ रहा है। इस तरह के समझौतों के खिलाफ बाबा दुबे का सैद्धांतिक रुख जन सामान्य में सकारात्मक चर्चा और हर्ष का विषय बना है और उनकी लोकप्रियता में बढ़ोतरी निश्चित है।

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