Varanasi : श्री काशी विश्वनाथ न्यास द्वारा ज्येष्ठेश्वर महादेव की आरती आराधना एवं श्रृंगार संपन्न

Shekhar pandey
वाराणसी, निष्पक्ष काशी । ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि, सोमवार, अनुराधा नक्षत्र के दिन काशी में पुण्यमय ज्येष्ठ स्थान पर ज्येष्ठेश्वर नामक स्वयंभू शिवलिंग के स्वरूप में महादेव का प्रथम प्राकट्य हुआ। ज्येष्ठेश्वर शिवलिंग के दर्शन होते ही लोगों के सैकड़ों जन्म के बटोरे हुए पाप क्षणभर में विलीन हो जाते हैं।
जिसका स्कंद पुराण काशी खण्ड (अध्याय 64/65)
अतः एक पौराणिक मत के अनुसार आज ही वह पुण्य पर्व तिथि है जब महादेव का काशी आगमन हुआ। अतः इस अवसर पर ज्येष्ठेश्वर महादेव की आरती आराधना एवं श्रृंगार संपन्न किया गया। काशी पधारने के इस उत्सव क्षण के पर्व पर ही आज भगवान श्री काशी विश्वनाथ महादेव का गुलाब जल से अभिषेक भी संपन्न किया गया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास इस पवित्र तिथि पर यह कामना करता है कि समस्त विश्व, विशेषकर काशी में सनातन विचार से विमुख हुए सभी जन भी सनातन मत में पुनः प्रवृत्त हो अधम पशुता से श्रेष्ठ मनुष्यता की गति वैसे ही प्राप्त करें जैसे महादेव ने ज्येष्ठेश्वर स्वरूप में काशी पधार कर इस नगर को धाम में परिवर्तित कर दिया था।