उत्तर प्रदेशवाराणसी

Varanasi : महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर ज्ञान ज्योति महोत्सव: भैसासुर घाट स्थित संत रविदास मंदिर में वैदिक यज्ञ, नारी सम्मेलन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न

वाराणसी। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयन्ती को दो वर्षीय ज्ञान ज्योति महोत्सव एवं आर्य समाज के 150वें स्थापना के वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में पूर्वी उत्तर प्रदेशीय सनातन वैदिक धर्म महोत्सव एवं आर्य महासमागम भैसासुर घाट स्थित संत रविदास मंदिर प्रागंण में चल रहे तृतीय दिवस के सत्र में यज्ञ, प्रवचन, व्याख्यान, भजन का कार्यक्रम आचार्या दिव्य किरण के ब्रह्मत्व तथा पाणिनि कन्या महाविद्यालय की ब्रह्मचारिणियों के मंत्र पाठ द्वारा सुख समृद्धि तथा राष्ट्रोन्नति हेतु यज्ञानुष्ठान जो कि मानवता एवं राष्ट्र-हित हेतु सामाजिक तथा धार्मिक क्षेत्र में समतामूलक समाज के पुनर्सृजन के पवित्र उद्देश्य से मध्यकालीन इतिहास में उपेक्षित वर्गों-वर्णों के यजमानों के साथ हुआ। यज्ञ के पश्चात नारी सम्मेलन का कार्यक्रम मानव निर्माण में संस्कारों का महत्व एवं महर्षि द्वारा दिए गए ग्रन्थ ‘संस्कार विधि’ की उपादेयता पर विशेष चर्चा हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर मंजरी पाण्डेय पूर्व प्रधानाचार्या केन्द्रीय विद्यालय, मुख्य अतिथि रीता जायसवाल राष्ट्रीय अध्यक्ष विश्व नारी अभ्युदय संस्थान, मुख्य वक्त्री आचार्या डॉक्टर नन्दिता शास्त्री पाणिनि कन्या महाविद्यालय, विशिष्ट वक्त्री डॉक्टर सुखदा बीएचयू आईआईटी, विशिष्ट अतिथि डॉक्टर एकता प्रधानाचार्या डीएवी पब्लिक स्कूल रामनगर, डॉक्टर रिद्धि आर्या व दिव्य किरण आर्या शोध छात्रा बीएचयू ने अपने वक्तव्य दियें। कार्यक्रम की संयोजिका डॉक्टर गायत्री आर्या मातृ मन्दिर कन्या गुरुकुल रामापुरा रहीं। डीएवी स्कूल रामनगर के बच्चों ने महर्षि दयानन्द सरस्वती के अनन्य भक्तों महात्मा हंसराज व सरदार भगतसिंह पर, उर्मिला देवी मेमोरियल सोसायटी के द्वारा छोटे छोटे बच्चे जो  कि भिक्षावृत्ति में लगे हुए थें उन्हें शिक्षा देते हुए तथा पाणिनि कन्या महाविद्यालय व मातृ मंदिर कन्या गुरुकुल की छात्राओं ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम में किरण यादव ने उपस्थित सभी का स्वागत व संचालन अंजना झा ने किया व धन्यवाद ज्ञापन प्रतिभा सिंह ने दिया। इसके पश्चात सभी आर्यजन नौका विहार द्वारा गंगा व वरुणा नदी के संगम पर स्थित स्वामी भयानन्द की गुफा जहाँ स्वामी दयानन्द सरस्वती का वाराणसी में प्रथम प्रवास स्थल का निरीक्षण व अवलोकन तथा सभा किया। अस्सी घाट से दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखते हुए पुनः संत रविदास मंदिर भैसासुर घाट पर त्रिदिवसीय आयोजन के सफलता का आभार व्यक्त किया गया। सम्पूर्ण आयोजन के अध्यक्ष स्वामी वेदामृतानन्द महाराज हरिद्वार, स्वामी नरेंद्र देव आजमगढ़, स्वामी समानन्द सरस्वती हरियाणा, स्वामी राजेन्द्र योगी चुनार, महात्मा चन्द्रमुनि अम्बेडकर नगर, प्रधान प्रमोद आर्य ‘आर्षेय’, मंत्री रवि प्रकाश आर्य, कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार, आचार्य देवव्रत, ज्ञान प्रकाश वैदिक, हेमन्त, पंकज , सरोज, विनोद, प्रशान्त आर्य, वेद प्रकाश बृजवासी, राज कुमार वर्मा, संजय, निरंजन बरनवाल, सीए विष्णु प्रसाद, अशोक त्रिपाठी, मुकेश, अखिलेश, विजय, चन्द्रपाल, चन्द्रदीप, सत्येन्द्र, अरुण, वेद प्रकाश आर्य व आर्यजनों सहित महिलाएँ व बच्चे उपस्थित रहें।
                      

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