Varanasi News: पाक माह ए रमजान में रोजा रखने वालो की सभी नेक दुआए अल्लाह जरूर कुबूल करता है

वाराणसी । मुकद्दस माह-ए-रमजान को लेकर सोमवार को तैयारियां अंतिम दौर में रहीं। रात 8:05 बजे मस्जिदों पर तरावीह की नमाज के साथ ही रोजा और इबादत का सिलसिला शुरू हो गया। सोमवार को बाजार में ख़जूर, सेंवई, रंगीन चिप्स और फल आदि की दुकानों पर खरीदारी के लिए भीड़ लगी रही।मुस्लिम धर्म में माह-ए-रमजान का महीना बहुत ही पाक (पवित्र) माना जाता है। रमजान के पूरे माह रोजा रखने के साथ जकात देते हैं और पांचों वक्त की नमाज अदा करते हैं। पाक माह-ए-रमजान में रोजा रखने वालों की सभी नेक दुआएं अल्लाह जरूर कुबूल करता है। इस महीने में एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब अल्लाह तआला अपने नेक बंदों को देता है। इसलिए मुसलमानों को रोजा रखने, कुरान-ए-पाक की तिलावत करने, पांचों वक्त की नमाज व तरावीह पढ़ने के साथ गरीबों की मदद करनी चाहिए।पाक माह-ए-रमजान में नमाज पाबंदी से अदा करें और कुरआन खूब पढ़ें। इस मुकद्दस माह में ईशा की फर्ज नमाज के बाद तरावीह की नमाज में कुरआन पाक एक बार सुनना या पढ़ना सुन्नत है। एक रोजे की पूरी एक तरावीह (20) रकअत अदा की जाए। रोजा रखने के लिए सहरी खाना सुन्नत है। इस लिए सहरी हरगिज न छोड़ें। ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करें। 13 घंटे 20 मिनट का होगा पहला रोजा
मुकद्दस पाक माह-ए-रमजान आज से शुरू हो रहा है। इस बार पहला रोजा सबसे कम 13 घंटे 20 मिनट का होगा जबकि आखिरी रोजा सबसे ज्यादा 14 घंटे 12 मिनट का रहेगा। रोजे में इबादत पर ज्यादा जोर दें, शरीर को तकलीफ देने वाले कामों से बचें। बालिग लड़के और लड़कियों से लेकर सभी उम्र के लोगों पर रोजा रखना फर्ज होता है। रोजा इस्लाम के पांच बुनियादी फर्ज में से एक रोजा भी है।