
सीतामढ़ी । पड़ोसी देश नेपाल के नारायण गढ़-मुगलिंग मुख्य मार्ग पर गुरूवार की रात सिमलताल के पास भूस्खलन के चपेट में आने से एक यात्री बस पानी की लहरों में बह गई। इस दुर्घटना में करीब 38 यात्रियों के मौत होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। उक्त दुर्घटना में सीतामढ़ी से सटे नेपाल के रौतहट के तीन यात्रियों ने नदी में जाती बस से कूदकर अपनी जान बचाई है, जिनमें से दो के परिवार के आठ सदस्य नदी में लापता हो गए हैं। इनमें से दो पूर्वी चंपारण के पताही थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। नेपाल के गृह मंत्रालय ने रात्रिकालीन सवारी के चलाने पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है। चितवन के डीएम इंद्रदेव यादव के अनुसार त्रिशूली नदी से बस और उसमें सवार यात्री को निकालने के लिए सशस्त्र पुलिस बल के तीन और सेना के एक वोट सहित 70 जवानों की टोली लगी हुई है, लेकिन घटना के बाद से बस का कोई पता नहीं चल रहा है, जबकि टीम पानी के तेज बहाव के बीच दो सौ मीटर गहराई तक गई है। बस को ढूंढने के लिए अब बास, लोहे के रड में चुंबक लगाकर खोज तलाश की जा रही है। उधर, मंत्रालय के इस आदेश का व्यवसायी संघ ने विरोध करना शुरू कर दिया है।काठमांडू से गौर आ रही बस से कूदकर जान बचाने वाले रौतहट के गरुडा नगरपालिका के सिसवा निवासी योगेश्वर राय यादव ने बताया कि बस में उनकी पुत्री अमृता यादव 23 वर्ष नाती अशोक यादव 7 वर्ष शिवशंकर यादव 3 वर्ष, नतनी प्रीति यादव डेढ़ वर्ष वर्ष बस पर सवार थे, जो लापता हैं। दूसरे जान बचाने वाले रौतहट के बौधिमाई नगरपालिका के मजियरबा गांव के सरोज यादव बताते है कि इस दुर्घटना में पिता परशुराम साह 58) वर्ष, मां मीणा देवी 55 वर्ष तथा पूर्वी चंपारण के पताही थाना क्षेत्र के पिपहरबा निवासी बहनोई नरेश साह 28 वर्ष, बहन रिंकू देवी 24 वर्ष बस के साथ नदी में समा गए हैं।