Ghazipur : बीएसए हेमंत राव पर आरटीआई कार्यकर्ता का गंभीर आरोप, पांच वर्ष पूर्व भ्रष्टाचार के कारण हुआ था स्थानांतरण!

रिपोर्ट : सूर्यकान्त त्रिपाठी गाज़ीपुर
गाजीपुर। बीएसए गाजीपुर हेमंत राव को लेकर एक आरटीआई कार्यकर्ता ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कार्यकर्ता का दावा है कि हेमंत राव वर्ष 2020 में हरदोई से स्थानांतरित होकर गाजीपुर इसलिए भेजे गए थे क्योंकि उन पर भ्रष्टाचार में संलिप्तता की शिकायत की गई थी। यह शिकायत तत्कालीन हरदोई जिलाधिकारी पुलकित खरे द्वारा की गई थी, जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी शाहाबाद सुचि गुप्ता का रिश्वत मांगते हुए एक वायरल वीडियो भी संलग्न था।

आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि वर्तमान में जय मां अन्नपूर्णा प्राथमिक विद्यालय से संबंधित भूमि विवाद और अनियमितताओं की शिकायत लगभग एक वर्ष से की जा रही है, लेकिन बीएसए मामले की निष्पक्ष जांच नहीं करा रहे हैं। आरोप है कि बीएसए राव ने स्वयं कहा कि “आप उत्तर प्रदेश के किसी भी अधिकारी के पास शिकायत लेकर जाएं, जांच तो मैं ही करूंगा।”
आरटीआई रिपोर्ट और राजस्व विभाग की जांच में स्पष्ट हुआ है कि विद्यालय की भूमि में मात्र 824 वर्ग फीट ही विधिवत रूप से दर्ज है, बावजूद इसके विद्यालय का संचालन कहीं अधिक भूमि पर किया जा रहा है। इसके बावजूद कार्रवाई न होने से बीएसए की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

कार्यकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि विद्यालय प्रबंधक के दबाव में आकर अब तक तीन खंड शिक्षा अधिकारियों ने फर्जी आख्या भेजी है, जबकि RTI और राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार वे आख्या तथ्यात्मक रूप से गलत पाई गई हैं।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर वह प्रबंधक कौन है, जिसके प्रभाव में आकर न केवल खंड शिक्षा अधिकारी बल्कि बीएसए स्तर के अधिकारी भी तथ्यों को दबा रहे हैं?
प्रकरण ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आरटीआई कार्यकर्ता ने शासन से मांग की है कि मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।