Varanàsi : पानी को लेकर देवरानी-जेठानी के बीच हुई लड़ाई, महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की की कोशिश

वाराणसी । पांडेयपुर लालपुर थाना क्षेत्र में पानी को लेकर देवरानी और जेठानी के बीच विवाद बढ़ते बढ़ते यहां तक पहुंच गया कि एक महिला ने फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की , हालांकि पुलिस की सक्रियता से महिला की जान बचाने में कामयाबी मिली । डीसीपी वरुणा जोन चंद्रकांत मीना ने सिपाहियों के कार्य को सराहनीय बताया हैं और डॉयल 112 की टीम को बेहतर सफलता पर उन्हें ईनाम और प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किए जाने की घोषणा की। मिली खबर के अनुसार देवरानी और जेठानी के बीच पानी भरने को लेकर बातचीत चल रही थी। धीरे-धीरे झगड़ा शुरू हो गया। इसके बाद एक महिला ने खुद को कमरे में बंद कर फंदा लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। इसी दौरान परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी । सूचना मिलते ही त्वरित कारवाई करते हुए मात्र 4 मिनट में पुलिस मौके पर पहुंची कर दरवाजा तोड़ा और महिला को फंदे से नीचे उतारा और उसे बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसे होश में वापस लाया गया। अब यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। बता दे कि लालपुर पांडेपुर के जेडी नगर कॉलोनी में रहने वाले डाक विभाग में कर्मचारी रणवीर भट्टाचार्य के यहां यह घटना घटी। रणवीर अपनी पत्नी रूपा भट्टाचार्य और एक बेटे के साथ इलाके के पैतृक मकान में रहते हैं। उनके बड़े भाई आदर्श भट्टाचार्य भी पत्नी सुलेखा के साथ वहीं रहते हैं। सोमवार को रणवीर ऑफिस गए थे। रूपा और जेठानी सुलेखा का पानी को लेकर झगड़ा हो गया। देखते ही देखते झगड़ा बढ़ने लगा। इस विवाद में पुराने पारिवारिक मसलों को कुरेदा जाने लगा। दोनों एक-दूसरे को सुनाने लगीं। इसी दौरान सुलेखा ने रूपा से कहीं और जाकर रहने को कह दिया। यह बात रूपा को चुभ गई। वह अपने कमरे में गई। उसने भीतर से दरवाजा बंद कर लिया। इसके बाद दुपट्टे का फंदा बनाया। कुंडे में फंसाकर उससे लटक गई। रूपा के कमरे को बंद करता देख जेठ आदर्श भट्टाचार्य ने पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस टीम एक्टिव हुई। मौके के सबसे नजदीक पीआरवी-0599 को पाया गया। उसे तत्काल मौके पर भेजा गया। टीम के सिपाही रवि कुमार, आरक्षी अमरजीत गोंड और चालक नीरज कुमार जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे। वहां उन्होंने रूपा को फंदे से लटकते देखा। रूपा फंदे से लटकी लंबी-लंबी सांसें ले रही थी। सिपाही रवि कुमार ने दरवाजा तोड़ा। कमरे में अंदर घुसते ही रूपा के पैर को पकड़कर उठा दिया। इससे फंदे की पकड़ कमजोर हो गई। इसके बाद अमरजीत ने फंदे से गले को निकाल दिया। परिवारवालों को तो एक समय उसके मरने का अंदेशा हो गया था। सिपाही ने देखा कि महिला की सांस चल रही है तो उन्होंने तत्काल सीपीआर देना शुरू किया। धीमी पड़ रही धड़कनें काबू में आने लगी। दूसरे सिपाही ने महिला के हाथ-पैर की मालिश की। उसकी हालत स्थिर होते ही उसे अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में इलाज के बाद महिला को वापस घर भेज दिया गया। महिला की जान बचाने के लिए सिपाहियों का क्षेत्र में प्रशंसा होने लगी।