Varanàsi : द्विदिवसीय वैदिक धर्म महोत्सव में महर्षि दयानंद के विचारों पर मंथन

वाराणसी। जिला आर्य प्रतिनिधि सभा, वाराणसी के तत्वाधान में महर्षि दयानन्द काशी शास्त्रार्थ के 155वें स्मृति वर्ष पर दो दिवसीय वैदिक धर्म महोत्सव का आयोजन आनंदबाग, दुर्गाकुंड में संपन्न हुआ। अंतिम दिवस पर वैदिक प्रवक्ता आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि महर्षि दयानन्द ने अपने ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश में वेदों के सत्य का सही अर्थ प्रस्तुत किया है। उन्होंने बताया कि इस ग्रंथ में अंधविश्वास और पाखंड का भी खंडन किया गया है, जिससे वैदिक धर्म का सरल अध्ययन संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि इस ग्रंथ के स्वाध्याय से हम सही दिशा में बढ़ सकते हैं।
इस कार्यक्रम में शोधछात्राएँ दिव्य किरण आर्या, दामिनी आर्या और शिवांगी आर्या के साथ पंडित राम आधार शास्त्री, स्वामी वेदामृतानन्द सरस्वती और स्वामी केवलानंद सरस्वती ने महर्षि दयानन्द के वैदिक सिद्धांतों और विचारों पर विस्तार से प्रकाश डाला। पाणिनि कन्या महाविद्यालय की ब्रह्मचारिणियों ने वेद मंत्रों का उच्चारण कर यज्ञ का शुभारंभ किया, जिसमें मुख्य ब्रह्मा सुश्री दामिनी, दिव्य किरण और शिवांगी आर्या थीं। प्रज्ञा चक्षु रामसेवक और ब्रह्मचारिणियों ने भजनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान प्रमोद आर्य ‘आर्षेय’ ने की, संचालन मंत्री रवि प्रकाश आर्य ने किया, और आभार उप प्रधान लल्लू आर्य ने व्यक्त किया। अन्य प्रमुख उपस्थितगण में चन्द्रीप आर्य, प्रदीप आर्य, उदय आर्य, शशि आर्य, आर्य रवि प्रकाश बरनवाल, चन्द्रपाल आर्य, सत्येन्द्र आर्य आदि सम्मिलित थे।