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Top Update : स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई वरीय बैठक में लिया गया निर्णय, हिंदी में होगी एमबीबीएस की पढ़ाई

भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अब हिंदी में भी एमबीबीएस की पढ़ाई होगी। दो दिन पहले पटना में स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई वरीय अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। नए सत्र (सितंबर 2024) से ही इसे लागू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही बिहार जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई कराने वाला मध्य प्रदेश के बाद दूसरा राज्य बन जाएगा। सात दिन तक टीम ने वहां के मेडिकल कॉलेज प्राचार्य, प्रोफेसर एवं छात्रों से बात की। जिसे बैठक में प्रोजेक्टर के माध्यम से वरीय अधिकारियों के सामने रखा गया।

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सबकुछ जानने-समझने के बाद जेएलएनएमसी में हिंदी में पढ़ाई शुरू कराने का निर्णय लिया गया।
टीम ने सदस्यों ने इसे क्रांतिकारी फैसला मना है। मेडिकल कॉलेज के छात्रों व प्रोफेसरों ने कहा कि एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में होने से छात्र ज्यादा समझ पाएंगे। अपनी बातों को भी बेहतर तरीके से रख पाएंगे।बैठक में टीम के सदस्यों द्वारा एमबीबीएस की हिंदी की किताबों का नमूना दिखाया गया। पूछा गया कि इन किताबों को देखकर बताएं कि क्या मेडिकल के टेक्निकल शब्द को समझने में परेशानी होगी।सभी प्राचार्य एवं अधीक्षक ने किताब का अवलोकन करने के बाद पाया कि उसमें जो बातें लिखी गई हैं वह सटीक और आसान भाषा में हैं। जिसे समझने में कोई दिक्कत नहीं होगी।नई व्यवस्था लागू होने से हिंदी माध्यम से पढ़ने वाले छात्रों की परेशानी दूर हो जाएगी।

दरअसल, मेडिकल की पढ़ाई में जिन अंग्रेजी शब्दों का उपयोग होता है, वह बेहद कठिन होता है। हिंदी माध्यम के छात्र इसे आसानी से समझ नहीं पाते। अब कक्षा हिंदी में भी होगी। मेडिकल का महत्वपूर्ण टर्म केवल अंग्रेजी में होगा। अब छात्र परीक्षा भी हिंदी में दे सकेंगे। हालांकि अगर कोई छात्र अंग्रेजी में देना चाहते हैं तो वे उसके लिए भी स्वतंत्र होंगे।हिंदी माध्यम से पढ़ाई आरंभ होते ही एनाटामी को अब छात्र शरीर रचना विज्ञान के नाम से पुकारेंगे। इसी तरह बायोकेमिस्ट्री, फिजियोलाजी, मेडिसिन, सर्जरी, पीडियाट्रिक को शरीर रचना विज्ञान, जैव रसायन शास्त्र, शरीर क्रिया विज्ञान, औषधि और शल्य क्रिया विज्ञान कहा जाएगा।

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