उत्तर प्रदेशवाराणसी

Varanàsi : प्रयागराज महाकुंभ में जूना अखाड़ा करेगा धर्म संवाद, पीएम मोदी से हिंदू राष्ट्र की मांग

वाराणसी। प्रयागराज महाकुम्भ में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा 25 जनवरी 2025 को धर्म संवाद का आयोजन करेगा जिसमे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिन्दुओ की रक्षा के लिये अविलम्ब सैन्य कार्यवाही करके बांग्लादेश व पाकिस्तान का बंटवारा करके हिन्दुओ के लिये अलग राष्ट्र बनवाने की अपील की जाएगी। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा खुलकर कहेगा कि अब नरेंद्र मोदी अगर स्वयं को अगर हिन्दुओ का नेता मानते हैं तो उन्हें इसका प्रमाण देना होगा। अगर वो ऐसा नहीं करते तो यह हिन्दू समाज से विश्वाघात होगा। वाराणसी की हिन्दू जनता जो नरेंद्र मोदी को भारत का प्रधानमंत्री बनने के लिये संसद भेजती है, उनकी जिम्मेदारी है कि वो प्रधानमंत्री को इसके लिए मजबूर करें ताकि निर्दोष हिन्दुओ के प्राणों की रक्षा हो सके। उक्त बातें गोलघर स्थित पराड़कर स्मृति भवन में शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि हर हिन्दू को यह समझ लेना चाहिए कि जो स्थिति आज बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं की है, वो अगले दस से भी कम वर्षों में हमारे देश में हमारी हो जायेंगी। भयानक तरीके से बढ़ती हुई मुस्लिम जनसंख्या इस देश को बहुत जल्दी इस्लामिक देश बना देगी। हम हिन्दुओ की दुर्गति का सबसे बड़ा कारण हमारा अपना कोई देश ना होना है। अब हमारा सबसे प्रमुख लक्ष्य सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना रहेगा। सनातन वैदिक राष्ट्र में एक भी मस्जिद, एक भी मदरसा और एक भी जिहादी नहीं होगा। सनातन वैदिक राष्ट्र सम्पूर्ण विश्व के प्रत्येक सनातनी का संरक्षण उसी तरह करेगा जैसे इजरायल प्रत्येक यहूदी का करता है। अगर हम सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना करने में असफल हो गए तो सनातन धर्म का विनाश कोई नहीं रोक सकेगा। उन्होंने कहा कि बिना सनातन वैदिक राष्ट्र के अब सनातन के बीज की भी रक्षा नहीं हो सकेगी। अब दुनिया के हर हिन्दू को इस लक्ष्य के लिए कार्य करना चाहिए। हर हिन्दू को इस लक्ष्य के प्रति समर्पित करने का कार्य सनातन के धर्मगुरुओं का है। अगर सनातन के धर्मगुरुओं ने धर्म रक्षा के इस महान कार्य को अपने हाथों में नहीं लिया तो वो धर्म के अपराधी होंगे और धर्म उन्हें कभी क्षमा नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे धर्मगुरु अपनी शक्ति को भूल गए हैं और उन्होंने स्वयं को राजनेता के समक्ष नतमस्तक कर लिया है। सत्य तो ये है कि सनातन धर्म का अस्तित्व तभी बच सकता है जबकि सनातन धर्म के धर्मगुरु धर्मसत्ता को राजसत्ता का अनुगामी नहीं बल्कि उसका मार्गदर्शक बनायेंगे। हम धर्म संवाद के माध्यम से इस विषय पर सार्थक चर्चा का प्रयास करेंगे।

Advertisements

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button