Varanasi News: समाज और पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती साइबर क्राईम है,आभासी दुनिया में हमारी सजगता ही हमारी सुरक्षा का सशक्त माध्यम है : डीसीपी काशी जोन

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कृषि सभागार में सोमवार अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से आयोजित पुलिस की पाठशाला में छात्र छात्राओं ने साइबर अपराध और सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कई सवाल पूछे जिसका उत्तर पाकर वे संतुष्ट होते हुए आईपीएस प्रमोद कुमार काशी जोन ने कहा कि छात्राएं नाम-पता बताए बगैर 1090 पर फोन कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। पुलिस को अपनी शिकायत सुनाने का 112 नंबर एक ऐसा प्रभावी माध्यम है जो पूरे देश में सिर्फ उत्तर प्रदेश में है। पुलिस से डरें नहीं, अपनी शिकायत बेझिझक बताएं। शिकायत का समाधान जरूर होगा। चुप रहकर हम अपराध को बढ़ावा ही देते हैं। पुलिस तक अपनी शिकायत आवेदन देकर, फोन करके या फिर सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी पहुंचाई जा सकती है। आईपीएस प्रमोद कुमार ने कहा की चोरी या सामान गायब होने की शिकायत ऑनलाइन दर्ज कराई जा सकती है। डीसीपी काशी जोन ने कहा कि इन दिनों समाज और पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती साइबर क्राइम है। आभासी दुनिया में हमारी सजगता ही हमारी सुरक्षा का सशक्त माध्यम है। मोबाइल पर अनजान नंबर से आए हुए किसी भी लिंक, मैसेज या कॉल पर भरोसा न करें। फोन करके कोई किसी तरह से धमकाए या लालच दे तो उसके झांसे में न आएं। इससे पहले महामाना पंडित मदन मोहन मालवाीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर छात्र-छात्राओं ने बीएचयू का कुलगीत गाया। इस दौरान बीएचयू कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एसवीएस राजू, छात्र अधिष्ठाता प्रो. एके नेमा, चीफ प्रॉक्टर प्रो. शिवप्रकाश सिंह, आईएमएस बीएचयू के डिप्टी चीफ प्रॉक्टर प्रो. ललित मोहन अग्रवाल के साथ ही बीएचयू कृषि विज्ञान संस्थान से डॉ. वीके त्रिपाठी, प्रो. पीके शर्मा, बीएचयू पत्रकारिता विभाग के डॉ. धीरेंद्र राय, डॉ. ज्ञान प्रकाश मिश्र, डॉ. बाला लखेंद्र, विज्ञान संस्थान से प्रो. मनोज श्रीवास्तव सहित अन्य लोग मौजूद रहे। आईपीएस प्रमोद कुमार ने बताया कि कोई भी एफआईआर दर्ज होती है तो उसके निस्तारण का समय 90 दिन होता है। इस तिथि तक संबंधित जांच अधिकारी को चार्जशीट या फाइनल रिपोर्ट दाखिल करनी होती है। दूसरी ओर पॉक्सो एक्ट में इसका समय कम होकर 60 दिन है। ऐसे में मुकदमों का समयबद्ध तरीके से निसतारण करना संबंधित जांच अधिकारी की जिम्मेदारी होती है।
छात्रों से संबंधित मुकदमे प्राथमिकता के साथ निस्तारित कराएंगे । डीसीपी काशी जोन ने कहा कि विश्वविद्यालयों या महाविद्यालयों के जिन भी छात्रों पर मुकदमे दर्ज हैं, हम उन्हें प्राथमिकता के साथ निस्तारित कराएंगे। हम यह नहीं चाहते हैं कि बेवजह की मुकदमेबाजी में फंस कर किसी छात्र का भविष्य चौपट हो। छात्र भी अपने भविष्य को देखते हुए कोई भी काम सोच-समझ कर करें। यदि वह आपराधिक गतिविधि में लिप्त रहेंगे तो पुलिस उनकी मदद नहीं कर पाएगी।