Varanasi : बाबू जगजीवन राम की 118वीं जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई, संगोष्ठी में उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर हुई चर्चा

Shekhar pandey
वाराणसी। दी रविदास स्मारक सोसाइटी के तत्वाधान में भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबू जगजीवन राम की 118 वीं जयंती रविदास मंदिर राजघाट में श्रध्दापूर्वक मनायी गयी। लोगों ने समतामूलक समाज के संवाहक जगजीवन राम की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी भावभीनी श्रंध्दाजलि अर्पित की। इस अवसर पर बापू जगजीवन राम का व्यक्तित्व न कृतित्व विषयक संगोष्ठी का विषम स्थापना करते हुए साहित्यकार डॉ जयशंकर जय ने कहा कि बाबू जगजीवन राम राष्ट्र निर्माण के कुशल शिल्पी थे, वे राष्ट्रीय एकता, अखण्डता व समानता का ताना-बाना जीवन भर मजबूत करते रहे। मुख्य अतिथि महंत रामेश्वर रास ने कहा कि संत रविदास के सच्चे अनुयापी, मानवीय मूल्यों के रक्षक थे जगजीवन राम। विशिष्ट अतिथि प्रमोद पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि बाबू जगजीवन राम सामाजिक न्याय के प्रहरी थे। वे शोषित वंचित और सर्वहारा समाज की लडाई जीवन भर लड़ते रहे। संगोष्ठी अध्यक्षता करते हुए आर्चाय मंहत डॉ भारत भूषण दास में कहा कि बाबू जगजीवन राम सच्चे देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी एवं समाज सेवी थे। उनको कभी भुलाया नहीं जा सकता। संगोष्टी को पार्षद अमरदेव यादव, पाषर्द बबलू साह, गांधीवादी गोरखनाथ, अनुराग त्रिवेदी, रामकिशुन, इम्तियाज अहमद, विरेंद्र सिंह, हारून मोहन चक्रवर्ती, दिनेश यादव आदि ने सम्बोधित किया। संचालन डॉ जयशंकर एवं धन्यवाद ज्ञापन वीरेंद्र कुमार बबलू ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से पुजारी रामविलास दास, धर्मराज, विकास उपाध्याय, चंद्र आयुष्मान चन्द्रवंशी, महेश, मोहित राय, वृजेश राम, राजकुमार, धीरज मालवीय, रमेश गुप्ता आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।