उत्तर प्रदेशवाराणसी

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को न्यू पेंशन स्कीम से 99% बेहतर मानते हुए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया :  शशिकान्त श्रीवास्तव

वाराणसी 25 अगस्त संघर्ष का ही परिणाम रहा कि अन्तोगत्वा राष्ट्रीय संयोजक एन जे सी ए शिव गोपाल मिश्र से माननीय प्रधानमंत्री ने सकारात्मक वार्ता कर यूनिफाइड पेंशन स्कीम यू पी एस को घोषित किया जो न्यू पेंशन स्कीम एन पी एस की तुलना में 99% तक बेहतर है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला अध्यक्ष शशिकान्त श्रीवास्तव ने एक बार फिर सभी कर्मचारी साथियों को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि तमाम संगठनों ने आन्दोलन किया परन्तु राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा शान्ति प्रिय ढंग से चलायें गये आन्दोलन का ही परिणाम रहा कि ई हरि किशोर तिवारी प्रदेश अध्यक्ष एवं शिव बर्न यादव के नेतृत्व में लखनऊ से लेकर जन्तर मन्तर दिल्ली तक किये गये आन्दोलन को सरकार ने माना और एकीकृत पेंशन योजना पर मुहर लगा दी लाखों लाख कर्मचारी आदरणीय नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस योजना में भी आगे चलकर बहुत कुछ खामियां मिल सकती है उस पर भी सरकार को नरम रुख अपनाकर समाधान की उम्मीद रखते हुए जिलाध्यक्ष शशिकान्त श्रीवास्तव ने तीनों पेंशन स्कीम के अंतर का विश्लेषण करते हुए कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम ओ पी एस में कर्मचारी को आखिरी मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलता था। कर्मचारी को कोई योगदान नहीं देना पड़ता था। योजना में केवल सरकारी कर्मचारी शामिल थे। डियरनेस रिलीफ डीआर का प्रावधान था। यानी हर छह महीने में महंगाई के अनुसार पेंशन बढ़ जाती थी। 20 वर्ष की सेवा पूरी होने पर 50% पूर्ण पेंशन के हकदार होते थे। वहीं *नेशनल पेंशन स्कीम एन पी एस में निवेश के आधार पर पेंशन मिलती थी। सरकारी निजी सभी कर्मचारियों के लिए है। सरकारी कर्मचारी 10% योगदान सरकार 14% योगदान देती है। चूंकि एनपीएस का बाजार में निवेश होता था, इसलिए बाजार के फायदे शामिल हैं। रिटायरमेंट के समय कुल जमा का 60% एकमुश्त निकाला जा सकता है। शेष 40% पेंशन के रूप में फिक्स होता है। जबकि यूनिफाइड पेंशन स्कीम यू पी एस में मूल वेतन की 50% पेंशन मिलेगी। 10 वर्ष से अधिक और 25 वर्ष से कम में रिटायर हुए तो आनुपातिक रूप से लाभ मिलेगा। कर्मचारी का योगदान 10% और सरकार का 18.5% होगा। एनपीएस की तरह बाजार से जुड़ा निवेश नहीं होगा जबकि ओपीएस की तरह डीआर का प्रावधान रहेगा इसमें एनपीएस वाले कर्मचारी भी शामिल हो सकेंगे। इस प्रकार 25 साल की सेवा और 50 हजार रु. के मूल वेतन पर गणना करेंगे तो OPS पुरानी पेंशन में मूल वेतन का 50% यानी 25,000 रुपए डीए फैमेली पेंशन मूल वेतन का 30% यानी 15,000 रुपए डीए न्यूनतम पेंशन,9000 रुपए डीए इसी प्रकार नई यूपीएस पेंशन में मूल वेतन का 50% यानी 25,000 रुपए डीआर फैमेली पेंशन मूल वेतन का 60% यानी 30,000 रु. डीआर न्यूनतम पेंशन 10,000 रुपए डीआर यूपीएस में ग्रैच्युटी में नुकसान 25 साल की नौकरी और 50 हजार रुपए के मूल वेतन पर पुरानी पेंशन स्कीम में ग्रैच्युटी 12,37,500 रुपए बनेगी। जबकि यूनिफाइड पेंशन स्कीम में यह 9,37,500 रुपए होगी।

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