Varanasi : मां गणगौर की शोभायात्रा में राजस्थान की सांस्कृतिक झलक

Shekhar pandey
वाराणसी। गवरजा माता के वार्षिक उत्सव के अवसर पर सोमवार को श्री काशी जीवनदायिनी गौशाला, गोलघर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। गाजे-बाजे के साथ निकली इस शोभायात्रा में प्रथम रथ पर विघ्नहरण विनायक की प्रतिमा विराजमान थी, जबकि दूसरे रथ पर 125 वर्ष पुरानी मां गणगौर की प्रतिमा, जिसे बीकानेर के महाराजा गंगासिंह द्वारा स्थापित व पूजित किया गया था, विराजमान थी। इसके अतिरिक्त, बग्घी पर महादेव एवं माता पार्वती का स्वरूप दर्शाया गया था।

शोभायात्रा की भव्यता और विशेष आकर्षण
शोभायात्रा में समाज की महिलाएं पारंपरिक राजस्थानी परिधान में और पुरुष पगड़ी धारण कर मां गणगौर की जय-जयकार कर रहे थे। सबसे आगे संस्था का बैनर था, और शोभायात्रा के दौरान बैंड-बाजे तथा शहनाई की मधुर धुन से वातावरण भक्तिमय हो गया। जीवंत झांकियां इस शोभायात्रा का विशेष आकर्षण बनीं।

पूजन एवं सम्मान समारोह
गौशाला मैदान में शोभायात्रा से पूर्व गणेशजी एवं माता गणगौर की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई। संस्था के अध्यक्ष दीपक कुमार बजाज और मंत्री पवन कुमार अग्रवाल ने गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया एवं उन्हें माल्यार्पण कर दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मानित किया। प्रमुख अतिथियों में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल (स्टांप एवं पंजीयन), डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ (स्वतंत्र प्रभार मंत्री), प्रदीप अग्रहरि (भाजपा महानगर अध्यक्ष), डॉ. नीलकंठ तिवारी (पूर्व मंत्री एवं विधायक, शहर दक्षिणी), सौरभ श्रीवास्तव (विधायक, कैंट विधानसभा), चला सुब्बा राव (महंत चिंतामणि गणेश मंदिर), अन्नपूर्णा प्रसाद (महंत श्रृंगेरी मठ वाराणसी), आईआईएम राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर. चौधरी, समाजसेवी उमाशंकर अग्रवाल सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल रहे।
शोभायात्रा का मार्ग एवं स्वागत

गवरजा माता उत्सव समिति के नेतृत्व में निकली यह शोभायात्रा नीचीबाग, चौक, बांसफाटक, गोदौलिया, गिरजाघर होते हुए लक्सा स्थित श्याम मंदिर पहुंची। वहां मारवाड़ी, माहेश्वरी, जैन, खंडेलवाल एवं मैठ क्षत्रिय समाज की महिलाओं और कन्याओं ने माता गणगौर की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान श्याम मंदिर से लक्ष्मीकुंड तक राजस्थानी संस्कृति की अद्भुत छटा देखने को मिली। शोभायात्रा के स्वागत हेतु बांसफाटक, मारवाड़ी अस्पताल, गोदौलिया, गिरजाघर एवं मारवाड़ी युवक संघ के पास विभिन्न संगठनों द्वारा आरती की गई एवं प्रसाद एवं शीतल पेय का वितरण किया गया।
गणगौर महोत्सव का महत्व
संस्था के अध्यक्ष दीपक कुमार बजाज ने बताया कि गणगौर महोत्सव मारवाड़ी समाज की कन्याओं एवं सौभाग्यवती महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस पर्व में होलिका की भस्म, गंगा जल एवं विभिन्न तालाबों की मिट्टी से गणगौर, कानीराम एवं मालिन की प्रतिमाएं बनाकर उनकी विशेष पूजा की जाती है। यह उत्सव न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी मारवाड़ी समाज द्वारा हर्षोल्लास से मनाया जाता है। परंपरा के अनुसार, शोभायात्रा के समापन के 18वें दिन मां गणगौर की प्रतिमा का तालाब अथवा कुंड में विसर्जन किया जाता है।
शोभायात्रा में प्रमुख भागीदारी
इस भव्य शोभायात्रा में आर.के. चौधरी, उमाशंकर अग्रवाल, दीपक बजाज, शंकर लाल सोमानी, ओंकार माहेश्वरी, मीडिया प्रभारी सुरेश तुलस्यान, नवरतन राठी, लोकेंद्र करवा, यदुदेव अग्रवाल, महेश चौधरी, संतोष अग्रवाल, हरे कृष्णा ज्वेलर्स, श्याम बजाज, आनंद लड़िया, गौरव राठी, अजय खेमका, गोकुल शर्मा, वेद मूर्ति शास्त्री, किशोर मूंदड़ा, मनीष गिनोडिया, कृष्ण कुमार काबरा, पवन मोदी, अनूप सर्राफ, कृष्ण गोपाल तुलस्यान, माँगी लाल शारदा, अनिल झंवर, श्याम मनोहर लोहिया, राजेश तुलस्यान, रामजी लाल चाड़क, विजय मोदी, सुनील शर्मा, राजेश पोद्दार, मदनमोहन पोद्दार, राम बुबना सहित कई गणमान्यजन उपस्थित रहे।
गणगौर महोत्सव की इस भव्य शोभायात्रा ने पूरे शहर में राजस्थानी संस्कृति की अनूठी छवि प्रस्तुत की।