CM Yogi: न्याय दिलाने के लिए अधिवक्ता के प्रयास से लाखो लोगो को एक नया जीवन मिलता हैं : मुख्यमंत्री योगी

वाराणसी । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अधिवक्ता सम्मेलन के दौरान अधिवक्ताओं से सीधा संवाद किया । सीएम योगी ने कहा कि अधिवक्ता समाज का एक प्रबुद्ध वर्ग है जिसने समाज को न्याय दिलाने के लिए हमेशा प्रयास किया हैं। सीएम योगी ने कहा कि 10 साल में काशी की तस्वीर बदली है और सात साल में उत्तर प्रदेश में बदलाव हुआ है। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एक गरीब से लेकर समाज के किसी भी तबके के व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए अधिवक्ता के प्रयास से लाखों लोगों को एक नया जीवन मिलता है। अधिवक्ता समुदाय समाज का एक प्रबुद्ध वर्ग माना जाता है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि काशी का कोना-कोना ‘अबकी बार-400 पार’ के उद्घोष से गूंज रहा है।और देश के ज्वलंत समस्याओं से अधिवक्ता समुदाय कभी खुद को अलग नहीं किया। समस्याओं व परेशानियों व चुनौतियों से लड़ने के लिए हमेशा इस वर्ग ने प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई के अग्रिम पंक्ति के सेनानी हमारा अधिवक्ता समुदाय था। देश की आजादी के आंदोलन में भी अधिवक्ताओं का योगदान रहा है। इस वर्ग ने उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद भी प्रैक्टिस को साइड कर आजादी के आंदोलन में कूद पड़े थे। सीएम योगी ने कहा कि आजादी की लड़ाई में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर सरदार बल्लभ भाई पटेल, पं जवाहर लाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. भीम राव अंबेडकर कौन है जो अधिवक्ता न रहा हो। सबकी अपनी छाप थी।
चौरीचौरा के घटना में जब गोरखपुर के क्रांतिकारियों को फांसी दी गई थी, तो उनकी पैरवी करने के लिए कई घंटों तक खुद मालवीय जी खड़े रहे। उनमें से कई लोगों को फांसी के फंदे में जाने से बचाया। 7 साल में बदलते उत्तर प्रदेश और 10 साल से बदलती काशी आपने देखा है। इसका नेतृत्व पीएम मोदी कर रहे हैं। लेकिन, इसका श्रेय काशीवासियों और अधिवक्ता समुदाय को जाता है।उन्होंने कहा कि आज दुनिया में कोई भी संकट आता है तो आशा भरी निगाह से भारत और मोदी जी की तरफ देखता है। आज देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। अब सीमा पर आतंकवाद समाप्त हुआ है।
काशी में सड़क से लेकर गलियों तक का विकास हुआ है। यह अपने आप में सबसे बड़ी सौगात है, जो दिखाता है कि हर प्रकार की कनेक्टिविटी का केंद्र काशी बना है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कानून के राज के लिए सुरक्षा सबसे पहली शर्त है। अधिवक्ता समुदाय विधायिका के द्वारा बनाए गए अधिनियम को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने का कार्य करता है। जब व्यक्ति अपनों से धोखा खाता है, अपनों से पीड़ित होता है तो चाहे वह परिवार का ही क्यों न सदस्य हो उसके खिलाफ अधिवक्ता पर भरोसा करके वह हस्ताक्षर करता है।