उत्तर प्रदेशवाराणसी

Varanasi : काशी के मूर्धन्य पत्रकार चक्रवर्ती गणपति नावड का 85 वर्ष की आयु में निधन


Shekhar pandey

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वाराणसी। हिंदी पत्रकारिता के प्रख्यात स्तंभ, वरिष्ठ पत्रकार चक्रवर्ती गणपति नावड का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे और काशी के गायघाट स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।

श्री नावड हिंदी पत्रकारिता के उन महान हस्तियों में से थे, जिन्होंने अहिंदीभाषी होते हुए भी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में पत्रकारिता को नई दिशा दी। वे आज हिंदी दैनिक के स्थानीय संपादक के रूप में कार्यरत थे और अपने निर्भीक लेखन के लिए जाने जाते थे।

पं. बाबूराव विष्णु पराडकर, लक्ष्मण नारायण गर्दे, रामचंद्र नरहरि बापट और विद्या भास्कर की परंपरा को आगे बढ़ाने वाले चक्रवर्ती गणपति नावड पत्रकारिता में एक संत की तरह जीवन जीते रहे। अपनी सादगी और निष्पक्ष लेखनी के कारण वे पत्रकारिता जगत में ‘ऋषि पत्रकार’ के रूप में पहचाने जाते थे।

एक पैर से दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने अपनी अदम्य इच्छा शक्ति, कठिन परिश्रम और कर्तव्यपरायणता के बल पर पांच दशकों तक पत्रकारिता को समर्पित किया। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में हिंदी पत्रकारिता को समृद्ध करने में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा।

उनके निधन पर पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। अनेक वरिष्ठ पत्रकारों, साहित्यकारों और समाजसेवियों ने उनके निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया और उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

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