Bolywood : जब मैं पीछे मूडकर देखती हु तो अपने बारे में यही अहसास होता है की मैं युवा और भोली थी : दीपिका

नई दिल्ली। अक्सर ऑडिशन से ही गुजरकर कलाकारों को काम मिलता है। हालांकि बात करें अगर अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की तो वह इस मामले में काफी भाग्यशाली रहीं, जिन्हें अपनी पहली फिल्म ओम शांति ओम के लिए ऑडिशन से नहीं गुजरना पड़ा।एक साक्षात्कार में दीपिका ने कहा कि यह अनसुना सा है, लेकिन जब फिल्म का ऑफर आया था, तो मैंने सोचा कि उन्होंने इतने बड़े सुपरस्टार (शाह रुख खान) के लिए इतनी बड़ी फिल्म में इतना पैसा लगाया गया है और फिर बिना ऑडिशन के ही मुझे उनके (शाहरुख खान) अपोजिट कास्ट क्यों कर लिया ?आगे बोलीं कि जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो अपने बारे में यही अहसास होता है कि मैं युवा और भोली थी, खोई-खोई सी रहती थी। फिर भी मैं बहुत सुरक्षित महसूस कर रही थी।
इस फिल्म से बेहतर शुरुआत की उम्मीद मैं नहीं कर सकती थी, क्योंकि उन्होंने (फिल्म की निर्देशिका फराह खान, शाहरुख खान) मेरा बहुत ध्यान रखा। हालांकि उन्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं थी। दीपिका ने बताया कि फराह खान और शाहरुख खान ने यह सुनिश्चित किया कि मैं ठीक से अपने भावों को व्यक्त कर सकूं। सब ने सहज महसूस कराया था। जब हमने फिल्म का प्रचार करना शुरू किया, तो उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया और वहां खड़ा कर दिया, जहां से मेरी जिंदगी रातों-रात बदल गई। आगामी दिनों में दीपिका फिल्म कल्कि 2898 एडी में प्रभास के साथ और सिंघम अगेन में नजर आएंगी।