Ghazipur : गाजीपुर: शिक्षा विभाग की शिकायत पर उप निरीक्षक कर रहे विद्यालय मानक की जांच, पत्रकार ने उठाए सवाल

सूर्यकान्त त्रिपाठी
गाजीपुर, नंदगंज। नंदगंज थाने के एक मामले में शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज एक शिकायत के क्रम में उप निरीक्षक रमेश तिवारी द्वारा अशासकीय विद्यालय के मानकों की जांच शुरू की गई है, जबकि शिकायत सीधे तौर पर खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा आरटीआई में गलत सूचना देने से संबंधित थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले वर्ष पत्रकार सूर्यकांत त्रिपाठी द्वारा एक विद्यालय के बारे में सूचना मांगी गई थी। जन सूचना अधिकारी (खंड शिक्षा अधिकारी) द्वारा दिए गए विवरण में बताया गया कि विद्यालय का निर्माण 10 बिस्वा क्षेत्रफल में हुआ है और 1000 वर्ग मीटर क्रीड़ा भूमि है। लेकिन जब संबंधित भूमि की जांच राजस्व विभाग से कराई गई तो पता चला कि विद्यालय आराजी नंबर 924 ट में स्थित है, जिसमें मात्र 824 वर्गफीट भूमि विद्यालय के नाम है।
इस फर्जी सूचना के संबंध में जब नंदगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई गई, तो जांच अधिकारी उप निरीक्षक रमेश तिवारी ने खंड शिक्षा अधिकारी से कोई बयान लिए बिना सीधे विद्यालय के भौतिक मानकों की जांच शुरू कर दी।
इस पूरे मामले में एक और विरोधाभास तब सामने आया जब सूचना के निस्तारण के संबंध में पुलिस विभाग से जानकारी मांगी गई, तो जन सूचना अधिकारी ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि मामला शिक्षा विभाग का है, और बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी से कोई बयान नहीं लिया गया।
अब सवाल उठ रहा है कि जब मामला आरटीआई में गलत सूचना देने से जुड़ा है, तो थाने के उप निरीक्षक द्वारा विद्यालय मानकों की जांच करना कहां तक उचित है? अगर पुलिस अधिकारी शैक्षिक मानकों की जांच करेंगे, तो विधिक कार्रवाई और आपराधिक मुकदमे का दायित्व कौन निभाएगा?
पत्रकार सूर्यकांत त्रिपाठी ने इस मामले में उप निरीक्षक रमेश तिवारी की शिकायत मुख्य सूचना आयुक्त, लखनऊ, जिलाधिकारी गाजीपुर और पुलिस अधीक्षक से की है। अब देखना है कि इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर क्या कार्रवाई होती है।