उत्तर प्रदेशवाराणसी

Varanasi News : निदेशक, नगरीय निकाय ने की नगर निगम की समीक्षा ,सीवर सफाई को लेकर महाप्रबन्धक, जलकल पर जताई नाराजगी

वाराणसी । नगरीय निकाय निदेशालय उ0प्र0 के निदेशक डा0 नितिन बंसल ने सर्किट हाउस सभागार में नगर निगम, जलकल एवं जल निगम के अधिकारियों के साथ अपराह्न 12 बजे समीक्षा बैठक की गयी। निदेशक, नगरीय निकाय द्वारा सबसे पहले जलकल विभाग की समीक्षा की गयी, महाप्रबन्धक, जलकल सेे जानकारी चाही गयी कि शहर में कुल सीवर लाइन की लम्बाई कितनी है, इसे साफ कराने हेतु कितने आदमी उपलब्ध हैं, सीस वरूणा एवं ट्रांस वरूणा क्षेत्र में सीवर लाईन की लम्बाई क्या है? महाप्रबन्धक जलकल के द्वारा बताया गया कि शहर में कुल 1100 कि0मी सीवर लाइन है, 12 अवर अभियन्ता, 4 सहायक अभियन्ता एवं 3 अधिशासी अभियन्ता है तथा ठेके पर सीवर सफाई कराया जाता है। निदेशक के द्वारा मुख्यतः कोतवाली, भेलूपुर एवं आदमपुर वार्ड में सीवर समस्या के सम्बन्ध में जानकारी चाही गयी। सचिव जलकल के द्वारा बताया गया कि भेलूपुर वार्ड में सीवर समस्या की शिकायतें अधिक प्राप्त होती हैं।

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निदेशक, नगरीय निकाय के द्वारा महाप्रबन्धक, जलकल को निर्देशित किया गया कि सभी अवर अभियन्ताओं को निर्देशित करें कि अपने तैनाती क्षेत्र के किसी एक वार्ड को चिन्हित कर उसमें सीवर की समस्या को सूचीबद्ध करायें तथा प्राथमिकता के आधार पर उसका स्थायी समाधान करायें, जिससे भविष्य में सीवर की समस्या उत्पन्न न होने पाये, इसी प्रक्रिया को अन्य वार्डो में भी लागू किया जाय। निदेशक के द्वारा जलकल विभाग में प्राप्त शिकायतों को त्वरित गति से निस्तारण कराये जाने हेतु कन्ट्रोल रूम को प्रभावी बनाने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही निदेशक के द्वारा शहर के सीवर की साफ सफाई मेन्टनेन्स सहित सभी कार्य करने हेतु किसी प्राइवेट संस्था के चयन हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये गये। निदेशक के द्वारा महाप्रबन्धक जलकल के पेयजल व्यवस्था ठीक करने के निर्देश दिये गये तथा लीकेज पाइप लाइनों को तत्काल ठीक कराने हेतु निर्देशित किया गया। जलकल की वसूली की समीक्षा में बताया गया कि विगत वर्ष 1.31 लाख भवनों के सापेक्ष 88 हजार भवनों से कर वसूला गया, जिस पर निदेशक के द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी तथा निर्देशित किया गया कि कर वसूली में लगे कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी, यदि उनके द्वारा वसूली कार्य में लापरवाही बरती जाती है तो उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाय।

निदेशक, नगरीय निकाय के द्वारा नव विस्तारित क्षेत्रों में पेयजल उपलब्धता की समीक्षा की गयी। उ0प्र0 जल निगम के अधीक्षण अभियन्ता के द्वारा बताया गया कि भूमि चिन्हांकन की कार्यवही नगर निगम के द्वारा की जा रही है, कुछ भूमि उपलब्ध हो गयी है, जिसकी डी0पी0आर0 तैयार कर स्वीकृति हेतु शासन को प्रेषित किया गया है। नगर आयुक्त श्री अक्षत वर्मा के द्वारा बताया गया कि जल निगम के द्वारा उपयुक्त प्रकार से पत्रावली प्रेषित नही की जाती है, जिस पर निदेशक के द्वारा जल निगम को निर्देशित किया गया कि पत्रावली में सम्पूर्ण विवरण का उल्लेख करते हुये पत्रावली प्रस्तुत की जाय। निदेशक के द्वारा नाला सफाई की समीक्षा की गयी, मुख्य अभियन्ता के द्वारा बताया गया कि कुल 101 नाला है, जिसमें से 28 नालों की सफाई का काकार्य पूर्ण कर लिया गया है। नाला सफाई का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है नाला सफाई हेतु फासी मशीन एवं नाल मशीन का भी प्रयोग किया जा रहा है, अभी तक शीघ्र ही सभी नालों को साफ कर दिया जायेगा। जल जभराव वाले स्थलों को चिन्हित कर लिया गया है, पम्प भी तैयार कर लिया गया है। मुख्य अभियन्ता के द्वारा बताया गया कि विस्तारित क्षेत्रों में 31 नालों की संख्या बढ़ी है, जिस पर सफाई का कार्य किया जा रहा है।

निदेशक के द्वारा छोटे नालों की सफाई की प्रगति के बारे में पूछा गया, नगर स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा बताया गया कि शहर में कुल 163 कि0मी0 छोटे नाले हैं, जिसे 369 कर्मचरी लगाकर सफाई करायी जा रही है। सभी स्वास्थ्य निरीक्षक एवं सुपरवाइजरों के द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है। निदेशक के द्वारा निर्देशित किया गया कि छोटे नालों की सफाई नियमित रूप से करायी जाय। नियमित सफाई न कराने से कचरा, गन्दगी बड़े नालों में जाकर मिलती है, जिससे बाद में समस्या उत्पन्न होती है साथ में अवर अभियन्ताओं को भी लगायें। निदेशक के द्वारा डोर टू डोर कलेक्शन एवं कूड़ा उठान तथा रोड स्वीपिंग की भी समीक्षा की गयी तथा निर्देशित किया गया कि शत प्रतिशत डोर टू डोर कलेक्शन का कार्य किया जाय तथा नियमित रूप से कूड़ा उठान किया जाय, मा0 प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र होने के कारण साफ सफाई पर विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाय। निदेशक द्वारा सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जल निकासी, मार्ग निर्माण, खड़ंजा, पेयजल इत्यादि कार्यो की पूर्व से सूची तैयार कर आगणन इत्यादि तैयार कर आवश्यक कार्यवाही की जाय, जिससे अनावश्यक विलंब की स्थिति का सामना न करना पड़े।

बाद में निदेश के द्वारा गृहकर वसूली, वृक्षारोपण तथा विज्ञापन की समीक्षा की गयी,। निदेशक के द्वारा निर्देशित किया गया कि नगर निगम वाराणसी दो लाख वृक्ष लगाये जाने की कार्ययोजना तैयार करे, बड़े स्थान को चिन्हित कर वहाॅ पर बड़े स्तर पर वृक्षारोपण कराये। विज्ञापन कर की वसूली बढ़ाये जाने हेतु नव विस्तारित क्षेत्रों में स्थान चिन्भ्ति करने के निर्देश दिये गये। समीक्षा बैठक में नगर आयुक्त श्री अक्षत वर्मा, अपर नगर आयुक्त श्री दुष्यन्त कुमार मौर्य, श्री राजीव कुमार राय, श्रीमती सविता यादव, श्री अनूप कुमार वाजपेयी, मुख्य अभियन्ता श्री मोईनुद्दीन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा0 प्रदीप कुमार, महाप्रबन्धक जलकल श्री विजय नारायण मौर्य, सचिव जलकल श्री ओ0पी0 सिंह, अधीक्षण अभियन्ता जल निगम श्री एस0के0 रंजन, समस्त जोनल अधिकारी, समस्त अधिशासी अभियन्ता, पी0आर0ओ0 श्री संदीप श्रीवास्तव, समस्त अवर अभियन्ता आदि अधिकारी गण उपस्थित थे।

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