Varanasi : काशी पत्रकार संघ का पदग्रहण समारोह सम्पन्न,वाराणसी प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने भी पदभार संभाला

Shekhar pandey
वाराणसी । काशी पत्रकार संघ के द्विवार्षिक चुनाव में निर्वाचित अध्यक्ष अरुण मिश्र, महामंत्री जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष डा॰ जयप्रकाश श्रीवास्तव तथा संघ से संचालित वाराणसी प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित अध्यक्ष चन्दन रूपानी, मंत्री विनय शंकर सिंह एवं कोषाध्यक्ष संदीप गुप्ता ने अपनी टीम के साथ रविवार को पराड़कर स्मृति भवन में आयोजित साधारण अधिवेशन में पदभार ग्रहण किया। नई टीम ने संकल्प लिया है कि वह संघ व सदस्यों के हित में कार्य करेगी। इस दौरान उपाध्यक्ष सुरेन्द्र नारायण तिवारी, सुनील शुक्ला, पुरुषोत्तम चतुर्वेदी, मंत्री अश्वनी श्रीवास्तव व आलोक मालवीय तथा कार्यसमिति सदस्यों सर्वश्री कैलाश यादव, विनय कुमार सिंह, उमेश गुप्ता, सुरेश गांधी, विजय शंकर गुप्ता, छवि किशोर मिश्र, राकेश सिंह, एमडी जावेद, अरुण कुमार सिंह एवं आनन्द कुमार मौर्य ने भी पदभार ग्रहण किया।

इस अवसर पर पदाधिकारियों ने पत्रकार हितों के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया। जबकि क्लब के नवनिर्वाचित अन्य पदाधिकारियों में उपाध्यक्ष देवकुमार केशरी, संयुक्त मंत्री अभिषेक सिंह एवं प्रबंध समिति सदस्य अरविन्द कुमार, संजय गुप्ता, मनोज राय, रौशन जायसवाल व दिनेश सिंह ने जिम्मेदारी संभाली। इस अवसर पर काशी पत्रकार संघ के पूर्व अध्यक्ष सर्वश्री प्रदीप कुमार, योगेश कुमार गुप्त, केडीएन राय, बी॰ बी॰ यादव, सुभाष चन्द्र सिंह, राजनाथ तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार पदमपति शर्मा, आशीष बागची, रजनीश त्रिपाठी, रमेश चन्द्र राय, सुरेश प्रताप, जयनारायण मिश्र, योगेश यादव, अजय राय, नागेन्द्र पाठक, शैलेश चौरसिया, केबी रावत, रोहित चतुर्वेदी, कविन्द्र नारायण श्रीवास्तव, संजय सिंह, जगधारी, शंकर चतुर्वेदी, कमलेश चतुर्वेदी, राजेन्द्र यादव, नरेन्द्र यादव, मोहम्मद अशफाक सिद्दीकी, चेतन स्वरूप आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।
निवर्तमान अध्यक्ष डा॰ अत्रि भारद्वाज, महामंत्री अखिलेश मिश्र, कोषाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी ने संघ व क्लब की नई टीम को बधाई दी। पत्रकारों पर हुए मुकदमें की कड़ी निन्दा ,,वाराणसी, काशी पत्रकार संघ की साधारण सभा में संघ के सदस्यों समेत छह पत्रकारों पर दुर्भावनापूर्ण तरीके से किये गये मुकदमें की सभी सदस्यों ने कड़े शब्दों में निन्दा की। प्रशासन से मांग की है कि तत्काल मुकदमा वापस हो अन्यथा संघ अगली रणनीति पर विचार करने को विवश होगा।