Varanasi : सनातन की जाती व्यवस्था ही भारत की अर्थ व्यवस्था .कृष्णा नन्द पाण्डेय

Shekhar pandey
वाराणसी, निष्पक्ष काशी। धरोहर संरक्षण सेवा संगठन ,द्वारा सनातन विस्तार के उद्देश्य को लेकर अनवरत चल रहे “ संस्कृति संवाद यात्रा “ की बैठक का ( 39 वाँ पड़ाव ) जी.के.जी. पब्लिक स्कूल सथवा वाराणसी,मे आयोजित हुआ, कार्यक्रम की अध्यक्षता कथावाचक सुधीरानन्द जी ने किया। मुख्य वक्ता संगठन के प्रमुख संयोजक कृष्णा नन्द पाण्डेय ने कहा दुनिया का कोई संविधान अपने एक एक नागरिक को रोजगार नही दे सकता, लेकिन सनातन का संविधान अपने एक एक लोगो को रोजगार देने की गारण्टी देता है,जो आज है उसको भी,एक हजार साल बाद आयेगा उसको भी,यही सनातन की जाति व्यवस्था है,

इस व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है , सनातन की जिन जातियो ने अपने आजीविका को छोटा समझा वो कमजोर हो गए और उनके आजीविका पर विधर्मियों का कब्जा हो गया,केवल सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है जो अपने एक एक व्यक्ति रोजगार देने की गारण्टी देता है किसी धर्म में ऐसी व्यवस्था नही है वक्ताओं मे विंध्यवासिनी पाण्डेय ने कहा हमारे पूर्वजों ने अपना बलिदान देकर संस्कृति व राष्ट्र को बचाया, जिन सभ्यताओ ने अपनी संस्कृति व धरोहर की रक्षा के लिए अपनी आजीविका को मजबूत नहीं किया उनकी संस्कृति व धरोहर नष्ट हो गयी, अपनी आजीविका के क्षेत्र मे पारंगत हर सनातनी होगा तभी मानवता व सनातन की रक्षा हो पाएगा ।
डा . चन्द्रदेव पटेल ने कहा अभी समय है अवसर है, हर सनातनी को अपनी आजीविका की सुरक्षा के बारे मे सोचने का, भारत का हर सनातनी हिन्दू जब अपनी आजीविका को मजबूत करेगा तभी सनातन संस्कृति का विस्तार होगा,कार्यक्रम मे प्रमुख रूप से सर्वश्री राजन मिश्र, सोनू गोंड, रमाकान्त पाण्डेय, राजेश मिश्र,प्रदीप पाण्डेय,विनोद वेनवंशी आनन्द पाण्डेय, अविनाश आनन्द, रामवली पटेल सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे । कार्यक्रम का आयोजन शुभम पाण्डेय ने किया, कुशल संचालन गौरव मिश्र ने किया, कार्यक्रम का समापन सामूहिक श्री हनुमान चालीसा पाठ से हुआ ।