Varanasi : जनता से नहीं, भाजपा पदाधिकारियों से हुई योगी की जनसुनवाई: राघवेंद्र चौबे

Shekhar pandey
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते 8 वर्षों में पहली बार जनसुनवाई करने का दावा किया। लेकिन तस्वीरें और ज़मीनी हकीकत ने सरकार की सच्चाई खोल दी। विभागीय फ़ोटो साफ़ दिखा रहे हैं कि मुख्यमंत्री के सामने केवल भाजपा के चुनिंदा पदाधिकारी बैठे थे। असली फरियादी—गाँव-गाँव और मोहल्लों से अपनी समस्या लेकर पहुचें लोगों को गेट पर ही रोक दिया गया। जनसुनवाई भवन के बाहर खड़ी जनता घंटों इंतज़ार करती रही, ठोकरें खाती रही, लेकिन मुख्यमंत्री तक उनकी आवाज़ नहीं पहुँची। आठ साल का इंतज़ार और खोखला प्रोपेगंडा साबित हुआ है। सवाल यह है कि जब मुख्यमंत्री लगभग हर महीने काशी आते हैं, तब जनता से सीधा संवाद करने में आठ साल क्यों लग गए? और जब जनसुनवाई हुई भी तो आमजन को भीतर क्यों नहीं आने दिया गया? क्या भाजपा सरकार जनसमस्याओं से भाग रही है? आज वाराणसी भ्रष्टाचार, अपराध, बेरोज़गारी, स्वास्थ्य व शिक्षा संकट और अव्यवस्था की भेंट चढ़ चुकी है।
गंगा घाटों पर सौंदर्यीकरण की चमक के पीछे मोहल्लों में टूटी सड़कों, गड्ढों और जलभराव का अंधेरा छिपा है। विकास के नाम पर हो रहे प्रोजेक्ट दरअसल विनाश का रूप ले चुका है। उक्त बातें कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने सीएम योगी के जनसुनवाई पर तंज कसतें हुए कहा कि मुख्यमंत्री की जनसुनवाई जनता से नहीं, बल्कि भाजपा पदाधिकारियों से हुई। असली फरियादी गेट पर खड़े रह गए। विकास का ढोल पीटने वाली भाजपा सरकार ने काशी को केवल दिखावे और इवेंट्स का शहर बना दिया है। भाजपा केवल प्रचार और फोटोशूट में माहिर है। काशी के लोग समझ चुके हैं कि यह डबल इंजन सरकार असल में डबल धोखा है। वही कांग्रेस पार्टी ज़मीन पर उतरकर असली जनसुनवाई कर रही है वास्तविकता से रूबरू हो रही। ‘कांग्रेस आई आपके द्वार, हमें बताइए अपनी बात’ कार्यक्रम के तहत हमारे कार्यकर्ता पिछले 10 दिनों से हर वार्ड में पदयात्राएँ कर रहे हैं, जनता की समस्याएँ सुन रहे हैं, उनका दस्तावेज़ीकरण कर रहे हैं और समाधान की दिशा में संघर्ष कर रहे हैं।
यही कांग्रेस का असली धर्म है, जनता की आवाज़ उठाना और जनहित की लड़ाई लड़ना। हम मुख्यमंत्री से कहना चाहते है कि प्रोपेगंडा और इवेंट मैनेजमेंट से काशी की समस्याएँ हल नहीं होंगी। गेट के भीतर भाजपा नेताओं से समस्याएँ सुनने की बजाय, गेट के बाहर ठोकरें खा रही जनता की आवाज़ सुनिए तभी असली जनसुनवाई होगी।काशीवासी अब भाजपा सरकार की संवेदनहीनता से ऊब चुके हैं। आने वाले समय में यही जनता भाजपा को करारा जवाब देगी और कांग्रेस की आवाज़ को समर्थन देगी।