उत्तर प्रदेशवाराणसी

Varanàsi News : दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया की वाराणसी शाखा द्धारा यूनियन बजट 2024 पर एक सेमिनार का आयोजन


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• हाइलाइट्स ऑफ बजट 2024 प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर
• कंपनीज के लिए ऑडिट ट्रेल के व्यावहारिक पहलू
• प्रत्यक्ष कर की धारा 43 b h

वाराणसी। दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया की वाराणसी शाखा द्धारा आज दिनांक -05.08.2024 दिन सोमवार को दोपहर दो बजे से होटल क्लार्क्स कैंटोमेंट वाराणसी में यूनियन बजट 2024 पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया।

इस सेमिनार के मुख्य वक्ता आईसीएआई के पूर्व अध्यक्ष सीए देबाशीष मित्रा, सेंट्रल काउंसिल मेंबर सीए प्रमोद जैन, सीए गिरीश आहूजा दिल्ली सीए.धर्मेंद्र कुमार श्रीवास्त्व कानपुर रहे

इस कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों का शुभारम्भ शाखा अध्यक्ष सीए. सौरभ कुमार शर्मा और शाखा उपाध्यक्ष सीए नीरज कुमार सिंह ने स्वागत भाषण द्धारा किया।
इसके उपरांत कार्यक्रम निदेशक सीए. ज्ञान चन्द मिश्रा, सेंट्रल कौंसिल मेंबर, आई. सी. ए. आई. जी ने अपने वक्तब्य को विस्तार पूर्वक रखा। कार्यक्रम की अध्यक्षता वाराणसी शाखा के पूर्व अध्यक्ष सीए. बृजेश जायसवाल और सीए. शिशिर उपाध्याय, एवं कार्यक्रम का संचालन सीए. करनदीप सिंह एवं सीए.श्रुति रूंगटा ने किया

कार्यकर्म के मुख्य वक्ता के रूप में सीए देबाशीष मित्रा ने बताया की ऑडिट ट्रेल (या लॉग संपादित करें) साक्ष्य का एक दृश्य निशान है जो किसी को इसमें निहित जानकारी का पता लगाने में सक्षम बनाता है साथ ही कंपनी एक्ट २०१३ में इसकी क्या महत्ता है उस पर प्रकाश डाला। मूल इनपुट स्रोत पर वापस कथन या रिपोर्ट। ऑडिट ट्रेल्स डेटा में किए गए परिवर्तनों का कालानुक्रमिक रिकॉर्ड है। डेटा में कोई भी परिवर्तन जिसमें नया डेटा बनाना, रिकॉर्ड किए जाने वाले डेटा को अपडेट करना या हटाना शामिल है।

उसके पश्च्यात कार्यक्र्म के वक्ता सीए प्रमोद जैन ने आयकर अधिनियम की धारा 43 बी एच की बारीकियों का अन्वेषण कैसे करें, जो सूक्ष्म और लघु उद्यमों एमएसएमई को भुगतान के कर निहितार्थ को चित्रित करता है उस पर प्रकाश डाला। आकलन वर्ष 2024-25 से प्रभावी, यह खंड एमएसएमई आपूर्तिकर्ताओं से निपटने वाले व्यवसायों के लिए कुछ दायित्वों और विचारों को लागू करता है।

कार्यक्र्म के वक्ता सीए गिरीश आहूजा जी ने बताया की कर प्राप्तियां एक विशिष्ट अवधि के भीतर व्यक्तियों, व्यवसायों और अन्य संस्थाओं पर लगाए गए विभिन्न करों के माध्यम से सरकार द्वारा एकत्र किए गए राजस्व की कुल राशि को संदर्भित करती हैं, आमतौर पर एक वित्तीय वर्ष। ये प्राप्तियां महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे सरकारी राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, सार्वजनिक सेवाओं, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों और अन्य आवश्यक खर्चों का वित्तपोषण करते हैं। प्रत्यक्ष कर सीधे व्यक्तियों और व्यवसायों पर उनकी आय, लाभ या संपत्ति के आधार पर लगाए जाते हैं।

सीए धर्मेंद्र श्रीवास्त्व जी ने अप्रत्यक्ष कर में बजट में आए हुए परिवर्तनों पर विश्लेषण किया। साथ हीं नए फॉर्म GSTR १ A पर भी चर्चा की। इसके पश्चात ” बजट- २०२४ ” पर पैनल डिस्कशन हुआ कार्यक्रम के सत्रों का समापन शाखा सचिव वैभव मेहरोत्रा और शाखा कोषाध्यक्ष सीए विकास द्विवेदी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष सोम दत्ता रघु, सी ए अनिल कुमार अग्रवाल, सीए रवि कुमार सिंह, सीए अतुल सेठ, सीए मनोज अग्रवाल, सीए सुदेशना बसु, सीए मनोज निगम, का रविन्द्र मोदी, सीए बिपिन मेहरोत्रा, सीए जमुना शुक्ला, का रूबी बंसल, सीए विष्णु प्रसाद, सीए अमित कपूर, सीए रूपेश गुजराती, सीए राहुल सिंह, सीए के एन गौतम, सीए राजन गुप्ता, सीए सचिन जलान आदि लोगो की सहभागिता रही|

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