Varanàsi : एलआईसी में नई नीतियों के विरोध में अभिकर्ताओं का प्रदर्शन, प्रधानमंत्री को सौंपा ज्ञापन

पॉलिसीधारकों और अभिकर्ताओं के हित में बदलाव की मांग
वाराणसी। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में 01 अक्टूबर 2024 से लागू नई नीतियों के खिलाफ एलआईसी अभिकर्ताओं ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। आल इंडिया लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स एसोसिएशन और लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के नेतृत्व में सैकड़ों अभिकर्ताओं ने वाराणसी मण्डल कार्यालय से विशाल जुलूस निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

अभिकर्ताओं ने इन नीतियों को जनविरोधी और संस्था तथा पॉलिसीधारकों के हितों के खिलाफ बताया। प्रदर्शन का नेतृत्व एस.एल. ठाकुर, अध्यक्ष, आल इंडिया लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स एसोसिएशन ने किया। उन्होंने कहा कि नई नीतियों में एलआईसी की संरचना और कार्यशैली में जो बदलाव किए गए हैं, वे पॉलिसीधारकों और अभिकर्ताओं दोनों के लिए नुकसानदायक हैं।
मुख्य मांगे:
- पॉलिसियों की किस्तों में वृद्धि के बजाय कमी की जाए।
- पॉलिसीधारकों को मिलने वाले बोनस में वृद्धि की जाए।
- न्यूनतम बीमाधन की राशि ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹2 लाख की जाए।
- बीमा योग्य आयु सीमा को 55 वर्ष से घटाकर 50 वर्ष किया जाए।
अभिकर्ताओं ने कहा कि इन परिवर्तनों का एलआईसी की साख और कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर पहले भी एलआईसी के प्रबंध निदेशक, आईआरडीए अध्यक्ष, और वित्त मंत्री से संवाद कर नीतियों को वापस लेने की मांग की गई थी। लेकिन कोई सकारात्मक कदम न उठने के कारण अब प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की गई है।
जुलूस और ज्ञापन में शामिल प्रमुख अभिकर्ता:
राम जी राय, मदनमोहन प्रसाद, अब्दुल जफ्फार, संजय शुक्ला, रमाकांत तिवारी, कपिल देव सिंह, प्रमोद राय, अरविंद उपाध्याय, अशोक तिवारी, दिनेश कुमार चौहान, लाल बिहारी सिंह, राजकुमार यादव, सूर्य नारायण सिंह, भगवान तिवारी, मनोज कुमार जायसवाल, राजेश अनिल कुमार गुप्ता, शाहिद, और सैकड़ों अन्य अभिकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।