Varanàsi : संस्कृति को मानने से अधिक जानने की आवश्यकता : कृष्णा नन्द पाण्डेय

वाराणसी । धरोहर संरक्षण सेवा संगठन द्वारा सनातन विस्तार के उद्देश्य को लेकर अनवरत चल रहे “ संस्कृति संवाद यात्रा “ की बैठक का ( 25वाँ पड़ाव )मदर मैरी जूनियर कॉलेज भयंदर ( पूर्व ) थाने, मे आयोजित हुआ,
कार्यक्रम की अध्यक्षता फ़िल्म अभिनेत्री पलक चौधरी ने किया। मुख्य वक्ता संगठन के प्रमुख संयोजक कृष्णा नन्द पाण्डेय ने कहा सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए सनातन संस्कृति को जानना होगा, यह संभव तभी होगा जब हम वेद, पुराणो, और अपने धर्म ग्रंथों का अध्ययन अपनी दिन चर्या मे लायेंगे, अध्ययन से ज्ञात होगा कि हमारी संस्कृति शस्त्र व शास्त्र दोनों की है संस्कृति ही हमारा आत्मगौरव है हर सनातनी को अपने संस्कृति के विस्तार के लिए एकजुट होकर कार्य करने की ज़रूरत है संस्कृति विस्तार से ही हर सनातनी को गर्व की अनुभूति होगी,इसके लिए हर व्यक्ति को सनातन विस्तार योद्धा बनना होगा,अपने आत्मगौरव की रक्षा व विस्तार के लिए सनातन संस्कृति के केन्द्र मन्दिरो को दिव्य स्वरूप मे लाना होगा,वक्ताओं मे चन्द्रकान्त त्रिपाठी (पूर्व मंत्री महाराष्ट्र सरकार)ने कहा हमारे पूर्वजों ने अपना बलिदान देकर संस्कृति व राष्ट्र को बचाया, जिन सभ्यताओ ने अपनी संस्कृति व धरोहर की रक्षा के लिए योद्धा नहीं तैयार किए उनकी संस्कृति व धरोहर नष्ट हो गयी, शस्त्र व शास्त्र दोनों मे पारंगत हर सनातनी होगा तभी मानवता व सनातन की रक्षा हो पाएगा । राष्ट्रीय समाज पक्ष पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महादेव जानकर ने कहा अभी समय है अवसर है, हर सनातनी को अपनी सुरक्षा के बारे मे सोचने का, भारत का हर सनातनी हिन्दू जब योद्धा बनेगा तभी सनातन संस्कृति का विस्तार होगा, अध्यक्षीय उद्धबोधन मे फ़िल्म अभिनेत्री पलक चौधरी ने कहा कि सनातन ही मानवता का रक्षक है ,सनातन संस्कृति को जन जन तक पहुँचाना होगा, सनातन संस्कृति विश्व का कल्याण हो का उद्वघोष करती है , ऐसी परम्परा , संस्कृति की रक्षा के लिए हमे तैयार रहना होगा । कार्यक्रम मे प्रमुख रूप से सर्वश्री बद्री विशाल तिवारी, शम्भु सिंह,संजय उपाध्याय, वीरेन्द्र सरोज, मनोज पाठक भाष्कर चौबे, दीनानाथ दुबे, स्वप्निल शुक्ला, सोनू सिंह,आलोक पाण्डेय सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे । कार्यक्रम का आयोजन राजू मिश्र व गुरू प्रसाद पाण्डेय ने किया, कुशल संचालन सिद्धार्थ द्विवेदी राम ने किया, कार्यक्रम का समापन सामूहिक श्री हनुमान चालीसा पाठ से हुआ ।