उत्तर प्रदेशगाज़ीपुर

गाजीपुर फर्जी दस्तावेज़ों पर विद्यालय को स्थायी मान्यता देने के मामले में बीएसए हेमंत राव पर गंभीर आरोप, RTI कार्यकर्ता ने उठाए सवाल

सूर्यकान्त त्रिपाठी गाज़ीपुर

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गाजीपुर। एक बार फिर बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) हेमंत कुमार राव पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विद्यालय को स्थायी मान्यता देने का आरोप लगा है। आरटीआई कार्यकर्ता का दावा है कि बीएसए ने स्वयं उन्हें फोन कर कार्यालय बुलाया था, जहां मान्यता से संबंधित सवाल पूछे जाने पर उन्होंने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।

आरटीआई कार्यकर्ता के अनुसार, जब उन्होंने यह सवाल उठाया कि बिना क्रीड़ा भूमि (खेल मैदान) के कैसे विद्यालय को स्थायी मान्यता दी गई, तो बीएसए हेमंत राव ने कहा, “हमने कोई मान्यता नहीं दी है, और वर्ष 2023 तक बिना क्रीड़ा भूमि के भी विद्यालयों को मान्यता दी जाती थी।”

हालांकि, जब कार्यकर्ता ने इस बात पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मान्यता वर्ष 2024 में दी गई है, जबकि उस समय क्रीड़ा भूमि अनिवार्य थी, तो बीएसए जवाब देने से हिचकने लगे और बोले कि “मामला मेरे संज्ञान में नहीं है।”

इस घटनाक्रम के बाद बीएसए हेमंत राव एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गए हैं। बड़ा सवाल यह है कि यदि बीएसए ने मान्यता नहीं दी, तो फिर आखिर किसने दी?

सूत्रों की मानें तो जल्द ही इस पूरे मामले से जुड़ा एक वीडियो भी सार्वजनिक हो सकता है, जिसमें बीएसए खुद यह स्वीकार करते नज़र आ रहे हैं कि “मान्यता हमने नहीं दी है।”

अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग इस गंभीर प्रकरण में क्या रुख अपनाता है और जांच कब तक शुरू होती है।

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