उत्तर प्रदेशवाराणसी

Varanasi : श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर श्री लड्डू गोपाल हेतु उपहार का एक अनुपम दृश्य साकार

Shekhar pandey

Advertisements

वाराणसी, निष्पक्ष काशी । सनातन संस्कृति के दो दिव्य केन्द्र मथुरा एवं काशी जिनकी आध्यात्मिक परंपराएँ भारत की चेतना में गहराई से रची-बसी हैं, उनके मध्य परस्पर श्रद्धा, समर्पण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक अनुपम दृश्य पुनः साकार हुआ। वर्ष 2024 श्री कृष्ण जन्माष्टमी से श्री काशी विश्वनाथ धाम से भगवान श्री विश्वनाथ द्वारा श्रीकृष्ण जन्मस्थान, मथुरा में श्री लड्डू गोपाल को उपहार प्रेषित किए जाने तथा रंगभरी एकादशी पर श्री काशी विश्वनाथ महादेव द्वारा भगवान लड्डू गोपाल को तथा मथुरा से भगवान लड्डू गोपाल द्वारा श्री विश्वेश्वर महादेव को भेंट अर्पित किए जाने की जो नवाचार परंपरा आरंभ की गई थी, उसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर एक बार पुनः यह धार्मिक कार्य साकार हुआ।

आज दिनांक 15 अगस्त, 2025 को, जन्माष्टमी के पूर्व दिवस पर भगवान श्री लड्डू गोपाल के लिए विशेष उपहार सामग्री को श्री विश्वेश्वर महादेव के समक्ष विधिपूर्वक पूजित कर भगवान विश्वेश्वर से अवलोकित कराया गया। तत्पश्चात यह पावन सामग्री श्रीकृष्ण जन्मस्थान, मथुरा के लिए श्रद्धापूर्वक प्रेषित की गई। इस अवसर पर पूजा-अर्चना एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यह सांस्कृतिक संप्रेषण संपन्न हुआ, जिसमें मंदिर न्यास के अधिकारियों एवं कार्मिकों की उपस्थिति रही। श्रीकृष्ण और भगवान शंकर ,ये दो प्रमुख आराध्य स्वरूप सनातन धर्म की गूढ़ आध्यात्मिक धाराओं के प्रतिनिधि हैं। उनके मध्य भक्ति, श्रद्धा एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान की यह नवीन पहल न केवल धार्मिक सौहार्द को प्रगाढ़ बनाएगी, अपितु भारत की तीर्थ परंपरा को भी नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगी।

मथुरा और काशी दोनों मोक्षदायिनी नगरियाँ इस आयोजन के माध्यम से परस्पर एक सूत्र में बंधकर समस्त सनातन समाज को एकत्व, संवाद और सहभक्ति का संदेश प्रदान करती हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा अस्वस्थता के कारण, इस शुभ आयोजन उपस्थित न हो पाने के कारण आज के इस कार्यक्रम में मंदिर न्यास का समस्त प्रशासनिक प्रतिनिधित्व एवं दायित्वों का निर्वहन डिप्टी कलेक्टर, श्री शम्भू शरण को अधिकृत करते हुए उनके द्वारा अन्य सभी न्यास कार्मिकों एवं अधिकारियों के साथ मुख्य कार्यपालक अधिकारी के निर्देशानुसार सुचारु रूप से संपन्न कराया गया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अस्वस्थता के कारण अनुपस्थिति में डिप्टी कलेक्टर द्वारा सम्पूर्ण प्रक्रिया शुचिता, पारंपरिक गरिमा एवं श्रद्धाभाव के साथ संपन्न हुई। मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा अस्वस्थता की दशा में भी संपूर्ण आयोजन की पल प्रतिपल व्यवस्था डिप्टी कलेक्टर से दूरभाष पर संपर्क में रह सुनिश्चित कराई गई तथा न्यास द्वारा प्रारंभ समस्त नवाचार को निरंतरता में स्थाई स्वरूप प्रदान करने एवं नवाचार परंपराओं के क्रम को भविष्य में भी किसी भी दशा में न टूटने देने के लिए सभी न्यास अधिकारियों एवं कार्मिकों से आश्वस्ति प्राप्त की गई। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने दूरभाष पर सभी से यह आग्रह किया कि नवाचार प्रारंभ करना महत्वपूर्ण है परन्तु उन्हें निरंतरता में परंपरा का स्वरूप प्रदान करना ही महत्वपूर्ण एवं निरंतर पौरुष का कार्य है अतः महादेव की कृपा से जन्म जन्मांतर के पुण्यफल से महादेव के प्रधान ज्योतिर्लिंग श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रशासन एवं प्रबंधन के दायित्व का अवसर प्राप्त करने को पूरी निष्ठा से हमे निभाना है और यह निरंतरता का क्रम अक्षुण्ण रखने का संकल्प लेना है।

स्थानांतरण, अस्वस्थता, सेवा निवृत्ति अथवा किन्हीं भी कारणों से किसी भी अधिकारी अथवा कार्मिक की अनुपस्थिति के कारण इन नवाचार परंपराओं में व्यतिक्रम न हो यह हम सभी इस नवाचार परंपराओं के प्रारंभ काल में वर्तमान समय में विश्वनाथ सेवा का सुअवसर पाने वाले लोगों का दायित्व भी है और हमारे पुरुषार्थ की परीक्षा भी है। समस्त अधिकारियों एवं कार्मिकों द्वारा यह संकल्प अंगीकृत करने का संकल्प लिया गया एवं समारोहपूर्वक भगवान लड्डू गोपाल को समस्त भेंट सामग्री प्रेषित की गई। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास समस्त आस्थावान सनातन श्रद्धालुओं को स्वाधीनता दिवस एवं श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए सभी के कल्याण की कामना करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button