Varanasi News: स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए मोटे अनाज की खेती अपनाएं किसान , मोटे अनाज पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ

वाराणसी । चोलापुर , भारत देश का गौरवशाली इतिहास रहा है और यही कारण है कि भारत आज विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर है।मोटे अनाज के महत्व को सबसे पहले भारत ने समझा और देश के प्रधानमंत्री ने वर्ष2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया।आज पूरे विश्व ने मोटे अनाज के गुणों को समझा एवं अपनाया है।उक्त बातें हिन्दू युवा वाहिनी के मंडल प्रभारी अम्बरीश सिंह भोला ने मंगलवार को बबियांव गांव में कृषि विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कही।
उ.प्र.मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के अंतर्गत मोटे अनाज पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि किसान भाई अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ ही आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा एवं अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए मोटे अनाज की खेती को अपनाएं।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भारत सरकार के प्रबंध समिति के सदस्य देवेंद्र सिंह ने कहा कि यदि हम चाहते हैं कि अस्पताल की ओर न जाना पड़े तो हमें मोटे अनाज की खेती की ओर लौटना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रगतिशील किसान शैलेंद्र रघुवंशी ने उपस्थित किसानों से आधुनिक खेती के साथ ही मोटे अनाज की खेती को अपनाएं की अपील की।

उप कृषि निदेशक अखिलेश कुमार सिंह के निर्देशन में आयोजित कार्यशाला के तकनीकी सत्र को सम्बोधित करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डा.प्रतीक्षा सिंह,डा.मनीष सिंह,डा.श्रीप्रकाश सिंह,डा.कुलदीप सिंह ने किसानों को मोटे अनाज पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।
उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी निरूपमा सिंह एवं बीडीओ शिव नारायण सिंह ने कृषक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले किसानों को पुरस्कार प्रदान किया।इस दौरान स्वामी शरण कुशवाहा,आशुतोष सिंह, अनिल सेठ,बीटीएम देवमणि त्रिपाठी,अनिल सिंह,जगदीश,मनोज,नंदन सिंह,ओम प्रकाश गुप्ता आदि
उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन देवमणि त्रिपाठी एवं धन्यवाद ज्ञापन स्वामी शरण कुशवाहा ने किया।
संवाददाता , विशाल चौबे