Varanasi News: विगत 30 वर्षों से काशी अपनी मूल पहचान ज्ञान प्रकाश को उज्जवल करने वाली संस्थानों को खो रहा हैं : संजय

वाराणसी । लोकसभा चुनाव में वार्ड नंबर 77 के निर्दल प्रत्याशी संजय कुमार तिवारी ने आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि पिछले 30 वर्षों के दलगत राजनीति के कारण काशी में सेवारत विभित्र संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थानों,विश्वविद्यालय, चिकित्सालयों और क्रीडा स्थलों का विकास खत्म हो गया है। विगत 30 वर्षों से काशी अपनी मूल पहचान ज्ञान प्रकाश को उज्जवल करने वाली संस्थानों को खो रहा है।
यह वही काशी है जहां पर गौतम बुद्ध, महावीर, जगतपुर शंकराचार्य संत रैदास, गोस्वामी तुलसीदास, कबीर इत्यादि महापुरुषों ने आकर यहां की ज्ञान गंगा को और प्रवर किया। उन्होंने कहा कि वाराणसी के निर्वाचित प्रतिनिधि काशी को ख्याति का प्रयोग अपनी निजी स्वार्थ पूर्ती के लिए कर रहे हैं लेकिन जनमानस के दैनिक जीवन की सुविधाओं में कोई सरोकार नहीं रखते ।वाराणसी के लोग अपने जनप्रतिनिधि में संपर्क साधने में भी असक्षम है जिससे उनकी शिकायतें कोई सुनने वाला नहीं है।
अतः में संजय कुमार तिवारी, निर्दलय प्रत्याशी आपमे अनुरोध करता हूं कि दलों को छोड़कर मिश्रण को चुनें जिसमे आपका प्रतिनिधि आपको उपलब्ध हो ।काशी के असली मुद्दे पर कहा की सहारा वित्तीय संस्थान में बनारस के गरीबों के द्वारा जमा किए गए हजारों करोड़ो की राशि डूबी पड़ी है। बनारस ने अपना सांसद व प्रधानमंत्री चुना फिर भी असक्षम प्रधानमंत्री गरीबों के सहारा संस्थान में दुबे पैसे नही दिला नहे। बनारस के चारों तरफ फैला औद्योगिकरण स्थान वीरान खाली पड़ा है।
जहां पर हजारों की संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते है। पराग दूध कंपनी को खत्म करने का काम प्रधानमंत्री ने किया, उसमे उनकी संकुर्ण मानसिकता दिखती है। पीएम ने डीएलडब्ल्यू में रहने के लिए गेस्ट हाउस तो बनवाया दिया। जबकि डीएलडब्ल्यू की वास्तविक पहचान उसकी उत्पादन, गुणवत्ता और क्षमता में हैं, मगर उसके लिए कुछ नहीं किया गया और डीएल डब्ल्यू को बेचने का पडयंत्र कर रहे हैं।बनारस के चारों विश्वविद्यालयों को धीमी गति से प्राइवेट लोगों के हाथ वेचना चाह रहे ।