उत्तर प्रदेशवाराणसी

Varanàsi : काशी के महापर्व देव दीपावली पर नमोघाट लोकार्पण पर गंगामित्रों ने बनाई 51 फीट की डॉल्फिन रंगोली

वाराणसी। प्रकाशोत्सव के महापर्व देव दीपावली पर काशी के घाटों पर लाखों दीयों की रोशनी से जगमगाते दृश्य ने देवलोक की अनुभूति कराई। इस मनोहारी पर्व को पूरे विश्व में इसकी भव्यता और आकर्षक आयोजन के लिए जाना जाता है।

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देव दीपावली के अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के गंगामित्रों की टीम ने नमोघाट पर 51 फीट लंबी डॉल्फिन की रंगोली बनाई और इसे 1001 दीयों से सजाया। इस रंगोली के माध्यम से गंगा स्वच्छता और डॉल्फिन बचाओ अभियान का संदेश दिया गया। दीपों से सजी डॉल्फिन रंगोली कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही।

गंगामित्रों को किया गया सम्मानित:
इस आयोजन में सभी प्रतिभागियों को नमामि गंगे (गंगामित्र) की ओर से सर्टिफिकेट और मेडल प्रदान किए गए। गाजीपुर यूपी 61 के अध्यक्ष शिवांश त्रिपाठी ने यह सम्मान वितरित किए।

मुख्य अतिथि का संदेश:
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्कृति के मुख्य ट्रस्टी चंद्रशेखर सूर्य ने कहा कि देव दीपावली केवल प्रकाश का पर्व नहीं है, बल्कि यह जल संरक्षण, गंगा स्वच्छता और डॉल्फिन बचाने जैसे अभियानों के लिए प्रेरणा भी देता है।

कार्यक्रम का संचालन:
इस कार्यक्रम का संयोजन महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के गंगामित्र कोऑर्डिनेटर धर्मेंद्र कुमार पटेल द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन भी धर्मेंद्र पटेल ने किया, और धन्यवाद ज्ञापन राधा मौर्या ने दिया।

रंगोली निर्माण में सहयोग:
डॉल्फिन रंगोली को बनाने में गंगामित्रों ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। योगदान देने वालों में बीनू पटेल, रूबी गुप्ता, निधि तिवारी, सरोज, शिवानी पांडेय, सर्वेश, विश्वनाथ, बटुकेश्वर, प्रीति शर्मा, सन्ध्या विश्वकर्मा, दृष्टि, काजल, करिश्मा, नीलम आदि शामिल थे।

यह आयोजन न केवल पर्यावरण जागरूकता का संदेश देता है, बल्कि काशी की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को भी उजागर करता है।

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