Varanasi : नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन, राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन

Shekhar pandey
वाराणसी। नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की चार्ज को लेकय दिनांक 16 अप्रैल को जिला/महानगर कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में जिला मुख्यालय वाराणसी पर विरोध प्रदर्शन कर राष्ट्रपति महोदया को संबोधित पत्रक सौंपा गया। कार्यक्रम का अध्यक्षता व नेतृत्व जिलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल व महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने संयुक्त रूप करते हुए कहा कि नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को ज़ब्त करना कानून के शासन का मुखौटा ओढ़कर एक प्रायोजित अपराध है।और इस मुखौटा के पीछे मोदी और शाह है। सोनिया गांधी, राहुल गांधीऔर कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा की गई बदले की राजनीति की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है। कांग्रेस कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेगा।नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों की जब्ती केवल बदले की राजनीति नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाना भाजपा सरकार की दुर्भावनापूर्ण मंशा को दर्शाता है। यह नहीं भूलना चाहिए कि गांधी परिवार ने देश के लिए अपना सब कुछ समर्पित किया है और वे हमेशा सत्य और जनसेवा के मार्ग पर अडिग रहे हैं और आज मोदी सरकार जिसकी नीति है हम दो हमारे दो मतलब”मोदी, शाह, अडानी, अंबानी” जब इनका विरोध हमारे नेता राहुल गांधी कर रहे है तो यह नजरे चुराकर बदले की कार्यवाही करा रहे है पर याद रहे राहुल गांधी भारतीय राजनीति में अडिगता, संघर्ष, संकल्प अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति की आवाज वह इस सरकार के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेंगे और एक-एक कांग्रेस का कार्यकर्ता इस लड़ाई को लड़ेगा। ईडी की कार्रवाई भाजपा की कायरता और घटियापन का सबूत है। देश के लिए शहादत देने वाले परिवार को प्रधानमंत्री झुकाना चाहते हैं, राजनीतिक प्रतिशोध में बार-बार एजेंसियों के दुरुपयोग से सत्य की आवाज़ को दबाना चाहते हैं लेकिन सत्य नहीं झुकेगा, तानाशाही के खिलाफ न्याय की लड़ाई में पूरा देश सत्य के साथ खड़ा है व सत्यमेव जयते हो कर रहेगा व नेशनल हेराल्ड केस में पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ ईडी का आरोप पत्र दाखिल करना और नेशनल हेराल्ड की संपति को मनमाने तरीके से जब्त करना लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास हैं। मोदी सरकार की एजेंसी ईडी द्वारा कांग्रेस पार्टी और नेशनल हेराल्ड की 661 करोड़ रुपये कीमत की संपत्तियों को कब्जे में लेने की कार्रवाई लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास है। मोदी सरकार की मंशा है कि ऐसे प्रयासों से वह धीरे-धीरे कांग्रेस को आर्थिक रूप से अक्षम बना दे। लोकसभा चुनाव से पहले आयकर विभाग के जरिये कांग्रेस के बैंक खातों को सील कर ऐसा प्रयास किया गया था। पहले आईटी और अब ईडी की ये कार्रवाई निंदनीय है। नेशनल हेराल्ड केस को अब पांच साल से भी अधिक का समय हो गया है। ईडी कांग्रेस के खिलाफ तो गैर-कानूनी रूप से कार्रवाई कर रही है। भाजपा को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड्स में साफ तौर पर कंपनियों से अवैध वसूली के सबूत मिले परन्तु ED ने किसी भाजपा नेता को एक नोटिस तक नहीं दिया। कांग्रेस एक जन आंदोलन की पार्टी है। ऐसी कार्रवाइयों से भाजपा सरकार और ईडी हमारे मनोबल को नहीं तोड़ सकती। भाजपाई षड्यंत्र के खिलाफ हम कांग्रेसजन एकजुट है, सच के लिए, अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। उक्त विरोध प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल ,महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, फ़साहत हुसैन बाबू, सजीव सिंह, दुर्गा प्रसाद गुप्ता, ऋषभ पाण्डेय, डॉ राजेश गुप्ता, सतनाम सिंह, वकील अंसारी, अरुण सोनी, राजीव राम, अशोक सिंह, वीरेन्द्र कपूर, विनोद सिंह, गिरीश पाण्डेय, अनुराधा यादव, हसन मेहदी कब्बन, संतोष मौर्य, प्रमोद वर्मा, शमसाद खां, घनश्याम सिंह, सुनील राय, पियुष श्रीवास्तव, विपिन मेहता, अब्दुल हमीद डोडे, मो खालिद, रोहित दुबे, लोकेश सिंह, चक्रवर्ती पटेल, बृजेश जेशल, रेनु चौधरी, आसिष केशरी, कुँवर यादव, अनुपम राय, परवेज खां, रोहित मिश्रा, विनीत चौबे, हिमांशु सिंह, सजीव श्रीवास्तव, आरती सरोज, रिशु सिंह, कृष्णा गौड़ समेत सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित रहे।