उत्तर प्रदेशमेरठ

UP Update : यूपी में बहुजन समाज को हुआ सियासी नुकसान , राजनीतिक ताकत दिन पर दिन पतन की ओर

मेरठ । बहुजन समाज पार्टी को वेस्ट यूपी में सबसे बड़ा सियासी नुकसान हुआ । बसपा के ज्यादातर कैंडिडेट्स की जमानत ही जब्त हो गई।यूपी की चार बार मुख्यमंत्री रहीं, संसद और राज्यसभा की सदस्य रहीं मायावती की पार्टी बसपा के सियासी आंकड़ों पर गौर करें, तो उसकी राजनीतिक ताकत दिन पर दिन पतन की तरफ बढ़ रही है।

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2019 में सपा के साथ चुनाव लड़ने से यूपी में दस और वेस्ट यूपी में चार लोकसभा सीट जीतने वाली बसपा अब 2024 के मंगलवार को आए परिणाम के बाद साफ हो गया है कि सियासी ताकत कम हो रही है। यहां तक की दलितों के वोट बैंक पर खुद की पकड़ रखने का दावा करने वाली बसपा इस बार रिजर्व सीट तक हार गई।

2019 में बसपा को वेस्ट यूपी से सहारनपुर, बिजनौर, नगीना और अमरोहा लोकसभा सीट पर जीत हासिल हुई थी, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में उसके कोर वोट बैंक कहे जाने वाले दलित ने थोड़ी दूरी बनाई, तो उसका एक मात्र विधायक यूपी में जीत सका था।2014 में अपने दम पर चुनाव लड़ा और एक भी सीट मिलना तो दूर उसके ज्यादातर कैंडिडेट की वेस्ट यूपी में जमानत जब्त हो गई।

बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कैराना, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बागपत, बुलंदशहर, नगीना, अलीगढ़, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बदायूं, आगरा,फतेहपुर सीकरी समेत अन्य सीटों पर उसके कैंडिडेट तीसरे नंबर पर रहे। उनकी जमानत बचाने के लिए भी वोट नहीं मिले। दलितों ने इंडिया गठबंधन को पसंद बनाया।

रिजर्व सीट नगीना बसपा बुरी तरह हारी। वहां आजाद समाज पार्टी (असपा) के दलित चेहरे चंद्रशेखर जीते। बुलंदशहर रिजर्व सीट पर बीजेपी जीती। दूसरी रिजर्व सीटों पर भी बसपा कुछ नहीं कर सकी।सियासी जानकारों का कहना है कि दलित बसपा से छिटक गया। मेरठ, आगरा और फतेहपुर सीकरी समेत कई सीट पर 2019 लोकसभा चुनाव में लगातार दूसरे नंबर पर काबिज रही बसपा अब तीसरा नंबरे पर खिसक गई। वोट का प्रतिशत काफी गिर गया। 2019 के मुकाबले बसपा के कैंडिडेट को इस बार आधे भी वोट नहीं मिले।भारतीय जनता पार्टी को वेस्ट यूपी के तीन मंडलों में मिली सीटों के हिसाब से खट्टा मीठा अनुभव रहा।

आंकड़ों के मुताबिक, मेरठ मंडल की सभी सीटों पर बीजेपी और उसके सहयोगी दल रालोद ने कब्जा किया। सहारनपुर मंडल में बीजेपी ढेर हो गई। सारी सीट इंडिया गठबंधन जीत गया। मुरादाबाद भी बीजेपी के लिए सियासी नुकसान वाला रहा। वहां सिर्फ एक सीट अमरोहा बीजेपी जीती। दूसरी सीट बिजनौर सहयोगी रालोद ने जीती।

मेरठ मंडल में मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर पर बीजेपी फिर से जीती। 2019 में भी ये सीटें बीजेपी के पास थीं। बागपत रालोद ने जीती। रालोद का इस बार बीजेपी से गठबंधन था। यह सीट 2019 में बीजेपी के पास थी, लेकिन रालोद को दे दी गई थी। इसी तरह सहारनपुर मंडल में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कैराना तीनों सीट बीजेपी हारी।

कैराना और मुजफ्फरनगर 2019 में बीजेपी और सहारनपुर बसपा के पास थी। इसी तरह मुरादाबाद मंडल में मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, नगीना, संभल सभी सीट बीजेपी हार गई। अमरोहा सिर्फ जीती। संभल और रामपुर पहले बीजेपी के पास थी। नगीना, अमरोहा, बिजनौर बसपा के पास थी ।

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