CM Yogi : सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगो की मौत के मामले की उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश की अगुवाई में न्यायिक जांच कराई जाएगी : सीएम योगी

हाथरस । उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में मंगलवार को विश्वहरि भोले बाबा के सत्संग के बाद हुई भगदड़ से अबतक 121 मासूम लोगो की जान जा चुकी है। भगदड़ की वजह से बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे और पुरुष काल में समा गए । घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में प्रेस वार्ता में कहा कि लोगों की मौत के मामले की उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में न्यायिक जांच करायी जाएगी तथा इसकी अधिसूचना आज ही जारी हो जाएगी। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस कांड पर सवाल उठाते हुए इसमें साजिश या हादसा इसकी जांच की अहम बात भी की है।सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना में साजिश की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘यह हादसा था या कोई साजिश और अगर साजिश थी तो इसमें किसका हाथ है । इन सभी पहलुओं को जानने के लिए हम न्यायिक जांच भी कराएंगे जो उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में की जाएगी।’सीएम योगी ने कहा कि इसमें प्रशासन और पुलिस के भी सेवानिवृत्ति अधिकारियों को शामिल किया जाएगा ताकि इस घटना की तह में जाया जा सके और जो भी इसके लिए दोषी होगा उन्हें सजा दी जाएगी। सीएम योगी ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के लिए सरकार ने आगरा की अपर पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जिसने अपनी एक प्रारंभिक रिपोर्ट दी है। उन्होंने बताया कि उनसे इस घटना की तह में जाने के लिए कहा गया है और बहुत सारे ऐसे पहलू हैं जिन पर जांच होनी बहुत आवश्यक है। सीएम योगी ने कहा, ‘इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी ताकि भविष्य में होने वाले इस तरह के किसी भी बड़े आयोजन में उसे लागू किया जा सके। इन सभी चीजों को सुनिश्चित किया जाएगा।’सीएम योगी ने कहा कि धार्मिक और आध्यात्मिक श्रद्धा भाव से लोग जहां आते हैं वहां भीड़ अनुशासित भी रहती है लेकिन जब वही कार्यक्रम “निहित स्वार्थी तत्वों के हाथों का खिलौना बन जाता है तो वहां अनुशासनहीनता का नजारा देखने को मिलता है । सीएम योगी ने कहा कि अगर यह हादसा था तो सेवादारों को वहां अपनी व्यवस्था में सुधार करना चाहिए था और अगर वे ऐसा नहीं कर पा रहे थे तो प्रशासन का सहयोग लेकर हादसे के शिकार लोगों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि इसका दूसरा पहलू यह है कि हादसे में लोग मरते गए और सेवादार वहां से भाग गए। मुख्यमंत्री ने बताया कि पूरी घटना में 121 श्रद्धालुओं की मौत हुई है जो उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के रहने वाले थे।