अब राष्ट्र प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई देने का समय आ गया है,हमारा लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का है : पीएम मोदी

नई दिल्ली । बुलन्दशहर में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी भी सरकार ने किसानों के लिए इतना काम नहीं किया, जितना हमारी सरकार ने किया कि पिछले 10 सालों में हर जनकल्याणकारी योजना का सीधा लाभ हमारे छोटे किसानों को मिला है। करोड़ों पक्के मकान बने हैं, जिसके सबसे बड़े लाभार्थी गरीब किसान और खेतिहर मजदूर हैं.गांवों में करोड़ों घरों में शौचालय बनाए गए हैं पीएम मोदी ने कहा की पहली बार गांवों के करोड़ों घरों में नल से पानी पहुंचा है , इसका सबसे बड़ी लाभार्थी किसान परिवारों की माताएं और बहनें हैं,पहली बार किसानों और खेतिहर मजदूरों को भी पेंशन की सुविधा मिली है । प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने किसानों को मुश्किल समय में मदद की, किसानों को 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद दी गई है । पीएम मोदी ने बुलंदशहर के लिए 19, 100 करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, इनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रेल, सड़क, गैस, तेल और शहरी विकास और आवास जैसे अहम प्रोजेक्ट शामिल हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर को 19 हजार करोड़ रुपए की परियोजना की सौगात दी । पीएम मोदी ने कहा कि अब राष्ट्र प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई देने का समय आ गया है और हमारा लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का है। इससे पहले बुलंदशहर में आयोजित सार्वजनिक रैली में पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने स्वागत किया और स्थानीय नेताओं ने प्रधानमंत्री को भगवान राम की मूर्ति भेंट किया. भेंट में मिली भगवान राम की मूर्ति पर पीएम मोदी ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दर्शन हुए और आज यहां के लोगों से मिलने का सौभाग्य मिला। उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने बुलंदशहर के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि इस क्षेत्र ने देश को कल्याण सिंह जैसा सपूत दिया, जिन्होंने राम काज और राष्ट्र राज, दोनों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.किसान कल्याण को सरकार की पहली प्राथमिकता बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, पिछले कुछ सालों में हमारी सरकार ने लाखों करोड़ रुपए खर्च किए हैं. आज दुनिया में यूरिया की एक बोरी 3000 रुपए तक मिलती है, लेकिन भारत के किसानों को यह 300 रुपए से भी कम में मिल रही है।