उत्तर प्रदेशवाराणसी

Varanàsi : सुप्रसिद्ध मशान की होली 11 मार्च को , माताओं बहनों से अनुरोध है कि भीड़ में ना आए : गुलशन कपूर

वाराणसी । सुप्रसिद्ध मशान की होली 11 मार्च को होगी इसको ले कर आयोजक गुलशन कपूर ने मंगलवार को पराड़कर स्मृति भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान बताया । उन्होंने भीड़ को देखते हुए माताओं बहनों को दूर से इस आयोजन में शामिल होने का अनुरोध किया हैं । और कुछ सालों से लोग देवी देवता का स्वरूप ले कर आते है जिस कारण भीड़ बढ़ जाती है।इसलिए किसी भी देवी देवता के रूप में प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। महादेव को आराध्या मानकर उनके नाम पर नशा करने के लिए आने वाले लोग भी आयोजन में शामिल न हो किसी भी तरह का नशा वर्जित है। ये सभी अनुरोध काशी की जनता से की गई । ऐसी मान्यता हैं कि बाबा दोपहर में मध्याह्न स्नान करने मणिकर्णिका तीर्थ पर आते हैं तत्पश्चात सभी तीर्थ स्नान करके यहां से पुन्य लेकर अपने स्थान जाते हैं और उनके वहां स्नान करने वालों को वह पुन्य बांटते हैं अंत में बाबा स्नान के बाद अपने प्रिय गणों के साथ मणिकर्णिका महामशान पर आकर चीता भस्म से होली खेलते है।

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गुलशन कपूर ने इस कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा की काशी में यह मान्यता है कि रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ माता पार्वती का गौना (विदाई) करा कर अपने धाम काशी लाते हैं जिसे उत्सव के रूप में काशीवाशी मनाते है और रंग का त्योहार होली का प्रारम्‍भ माना जाता है, इस उत्सव में सभी शामिल होते हैं जैसे देवी, देवता,यछ,गन्धर्व, मनुष्य और जो शामिल नहीं होते हैं वो हैं बाबा के प्रिय गण भूत, प्रेत, पिशाच,किन्नर, दृश्य, अदृश्य, शक्तियाँ जिन्हें बाबा ने स्वयं मनुष्यों के बीच जाने से रोक रखा है।

जिससे बाबा के भक्त उनसे नाराज हो जाते है महादेव इसलिए उन सभी के साथ चीता भस्म की होली खेलने मशान आते हैं और आज से ही सम्पूर्ण विश्व को प्रंश्नता, हर्ष-उल्लास देने वाले इस त्योहार होली का आरम्भ होता हैं जिसमें दुश्मन भी गले मिल जाते हैं। चुकी इस पारंपरिक उत्सव को काशी के मणिकर्णिका घाट पर जलती चीताओ के बीच मनाया जाता हैं जिसे देखने दुनिया भर से लोग काशी आते हैं। उक्त वार्ता में प. विजय शंकर पाण्डेय, संजय प्रसाद गुप्ता, दीपक तिवारी, करन जायसवाल, हंसराज चौरसिया आदि लोग शामिल रहे ।

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