Varanasi News: प्रत्येक नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग हो कर अपने नायक का चयन करे : लक्ष्मण आचार्य

वाराणसी । रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में मतदान की अपील करने के लिए आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि लोकतंत्र में भारत के प्रत्येक व्यक्ति के लिए संवैधानिक अधिकार और कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं। इसलिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि राष्ट्र का प्रत्येक नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग होकर अपने नायक का चयन करें। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रकाश शुक्ल ने कहा कि एक-एक मत कीमती है। मतदान से ही लोकतंत्र को सशक्त नेतृत्व मिलेगा। सशक्त नेतृत्व के साथ भारत विश्व गुरु की राह पर आगे बढ़ेगा।
विश्व के युद्ध में कृष्ण की तरह खड़े होकर विश्व को राह दिखाने वाला नेतृत्व होना चाहिए।विश्व को युद्ध की विभीषिका से मुक्त करने की क्षमता केवल भारत में है। यह पूरी दुनिया ने रूस और यूक्रेन के युद्ध के समय देखा है। भारत को समृद्ध शासन देने के लिए अपना मतदान करना जरूरी है। अखिल भारतीय संत समिति, काशी विद्वत परिषद, अखाड़ा परिषद की ओर से आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मुझे भी गोरखपुर में मतदान करना है। मतदान से पहले निश्चित ही विचार करें कि मेरी सरकार अच्छी हो, राष्ट्रहित की हो, सनातन हित की हो, समृद्धि की प्रतीक हो और विकास की द्योतक हो।
ऐसे समय में जब विश्व के एक बड़े हिस्से में भयानक युद्ध की विभीषिका से मानवता त्रस्त है। वहीं, हमारा भारत अपने सनातन मूल्यों के साथ लोकतंत्र का उत्सव मना रहा है। विश्व को युद्ध की विभीषिका से मुक्त करने की क्षमता केवल भारत में है। यह पूरी दुनिया ने रूस और यूक्रेन के युद्ध के समय देखा है। आज देश ही नहीं विश्व की निगाहें भी काशी की ओर लगी हुई हैं। मुख्य वक्ता स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन संस्कृति भारत की आत्मा, संत इसके संरक्षण के लिए हर बलिदान देंगे।
इस दौरान देश के संतों, विद्वानों और बुद्धिजीवियों ने एक स्वर से सशक्त, सनातन और महान लोकतांत्रिक भारत को 2047 तक हर हाल में विश्वगुरु बनाने का संकल्प लिया। विषय प्रस्तावना संघ के प्रांत प्रचारक रमेश ने की। संचालन प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने किया। इस दौरान स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती, महंत शंकर पुरी, महंत बालकदास, जगजीतन पांडेय, प्रो. नागेंद्र पांडेय, डॉ. राजेश्वर आचार्य और गोविंद शर्मा आदि लोग मौजूद रहे।