उत्तर प्रदेशवाराणसी

Varanàsi News : जिले में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी ,आम आदमी के साथ ही पशु पंक्षी तक गर्मी से बेहाल

वाराणसी । गर्मी के तेवर और तल्ख हो गए हैं। मंगलवार को जिले का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पूरे दिन तेज धूप ने जहां हाल-बेहाल कर दिया तो वहीं गर्म हवाएं भी शरीर को झुलसाती रहीं। बेतहाशा पड़ रही गर्मी हर किसी के लिए चुनौती बन गई है। आम आदमी के साथ ही पशु-पक्षी तक गर्मी से बेहाल हैं और सभी की निगाह आसमान पर टिकी है। राहत की बारिश को लेकर हर कोई बात करता नजर आ रहा है, लेकिन राहत की उम्मीद अभी नहीं दिख रही है। जिले में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। प्रतिदिन बढ़ रहा तापमान व तेज धूप से लोग बेहाल नजर आ रहे हैं। मंगलवार को सुबह नौ बजे इतनी तेज धूप थी कि बाहर निकलने पर लोगों को पसीना आ रहा था।

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साथ ही गर्म हवा चल रही थी। हालांकि गर्म हवा की रफ्तार कुछ कम थी। दिन जैसे-जैसे आगे बढ़ा तो गर्मी का असर भी बढ़ता गया। हालत यह रही कि कुछ देर के लिए भी राहत नहीं मिली। दोपहर में गर्म हवा 5.9 किमी. प्रतिघंटा की रफ्तार से चली और उसने शरीर को झुलसा दिया। लू के गर्म थपेड़ों ने मुसीबत और बढ़ा दी। बाहर निकले भी गर्मी से बचाव के लिए गमछा, तौलिया, रुमाल आदि से सिर को ढककर बाहर निकलने को मजबूर हुए। उधर, घरों में पंखे व कूलर भी उमस भरी गर्मी के सितम से राहत पहुंचाने में नाकाम साबित हुए। शाम छह बजे तक धूप तल्ख रही। सड़कों पर सन्नाटा रहा तो गांव के गलियारे सूने पड़े रहे। भीषण गर्मी के चलते दोपहर दो से शाम चार बजे तक हालात कर्फ्यू सरीखे रहे। यह चार घंटे हर दिन सभी के लिए बहुत मुश्किल भरे हो रहे हैं। देर शाम तक गर्मी के तेवर बरकरार रहे। जिससे लोगों का बदन पसीने से तर-बतर होता रहा।

गर्मी की तल्खी के कारण लू लगने व मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी होने लगी है। फिजिशियन डॉ के अनुसार तेज धूप से लोगों को बचना चाहिए। संभव हो तो सुबह 11 से दोपहर 3 बजे के बीच धूप में न निकलें। अगर बाहर निकलना पड़े तो सिर ढककर निकलें। चश्मे का प्रयोग करें। पानी साथ में लेकर चलें तथा समय-समय पर पीते रहें। इस समय ताजा, संतुलित और पौष्टिक आहार लें। रात के समय हल्का भोजन करें।पेय पदार्थों का सेवन अधिक करें। पना, लस्सी, छाछ, जूस, नींबू पानी, तरबूज, ककड़ी, खीरा, प्याज का सेवन करें।

भीषण गर्मी में आम लोग तो किसी प्रकार से प्यास बुझा लेते हैं लेकिन सबसे अधिक समस्या मवेशियों व चिड़ियों को हो रही है। ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि घर के बाहर व छत पर बड़े बर्तन में पानी रखें। समय-समय पर पानी बदलते भी रहें। साधन संपन्न लोगों को चाहिए कि वे सार्वजनिक स्थलों व चौराहों पर ठंडी पानी की बोतल का निशुल्क वितरण करें। इसके अलावा प्रमुख चौराहों पर प्याऊ की व्यवस्था भी करें जिससे राहगीरों को प्यास बुझाने में किसी भी प्रकार की मुश्किल न हो। शरीर में पानी की कमी न होने दें।

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