Varanàsi : घने कोहरे के बीच मणिकर्णिका तीर्थ पर विशेष सफाई अभियान

वाराणसी। रविवार को घने कोहरे के बीच वाराणसी के मणिकर्णिका तीर्थ का ऐतिहासिक परिसर स्वच्छता की अलख से सराबोर हो गया। नमामि गंगे अभियान के तहत गंगा की तलहटी से पॉलिथीन, पुराने कपड़े, और अन्य कचरे को साफ किया गया। मणिकर्णिका चक्र पुष्करणी कुंड की मिट्टी पर फैली गंदगी को हटा कर नगर निगम को सौंपा गया।
इस अभियान का नेतृत्व नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक एवं नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर राजेश शुक्ला ने किया। उन्होंने तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं को स्वच्छता का महत्व समझाने के लिए स्लोगन लिखी तख्तियां प्रदर्शित कीं।

राजेश शुक्ला ने बताया, “मणिकर्णिका तीर्थ का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अनादिकाल से है। यह वह स्थान है जहां भगवान विष्णु ने भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए हजारों वर्षों तक तपस्या की थी। कुंड का निर्माण उन्होंने अपने सुदर्शन चक्र से किया। यहां स्नान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।”
शुक्ला ने कहा कि तीर्थ स्थलों की पवित्रता और स्वच्छता बनाए रखना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। यह क्षेत्र प्रतिदिन हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है। ऐसे में जन भागीदारी सुनिश्चित कर स्वच्छता अभियान को सफल बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान चिन्मय शर्मा, टुल्लू मांझी, टिंकू, और नगर निगम के स्वच्छता कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। “ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव” के उद्घोष के साथ मणिकर्णिका तीर्थ का प्रांगण गूंज उठा।
नमामि गंगे अभियान के तहत चलाए गए इस सफाई अभियान ने स्वच्छता और आध्यात्मिकता का संदेश दिया, जिससे पर्यावरण संरक्षण और पवित्र स्थलों की देखरेख पर विशेष जोर दिया गया।