Kashi : काशी विश्वनाथ धाम में लड्डू गोपाल की छः दिवसीय विष्णुसहस्त्रनाम आराधना प्रारंभ

वाराणसी। लड्डू गोपाल की विष्णुसहस्त्रनाम आराधना अभी छः दिन निरंतर होगी लड्डू गोपाल की श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष आराधना। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा संकल्पित नवाचारों के अंतर्गत धाम में आयोजित श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व को न्यास के विद्वान अर्चकों के परामर्श के अनुरूप छः दिवसीय पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। इस आयोजन पर आज दिनांक 27-08-2024 को श्री विश्वेश्वर की रात्रि शयन आरती के पूर्व श्री लड्डू गोपाल की द्वितीय दिवस की आराधना विष्णु सहस्रनाम के साथ संपन्न हुई। श्री कृष्ण सनातन परंपरा में भगवान श्री हरि विष्णु के षोडश कलाओं से युक्त अवतार हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर सर्वत्र श्री लड्डू गोपाल के रूप में भगवान श्री हरि के कृष्ण जन्मोत्सव के अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। पूजित विग्रह में देवता के वास होने के फलस्वरूप वार्षिक अनुष्ठानों में पूजित विशिष्ट देव प्रतिमा की ससम्मान विदाई की जाती है। इसी सनातन परंपरा के अनुपालन में षष्ठी छट्ठी तिथि के उपरांत लड्डू गोपाल से प्रार्थना पूर्वक पुनः विष्णुस्वरूप धारण करने के अनुष्ठान का आयोजन संपन्न किया जायेगा। लड्डू गोपाल की पूजित प्रतिमा से पुनः विष्णुस्वरूप होने की प्रार्थना के साथ अगले वर्ष के लिए आमंत्रण का अनुष्ठान श्री काशी विश्वनाथ धाम में दिनांक 31 अगस्त को आयोजित किया जाएगा।

वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में लड्डू गोपाल की विष्णुसहस्त्रनाम के साथ आराधना का आयोजन किया जा रहा है, जो छह दिनों तक निरंतर चलेगा। इस विशेष आराधना का आयोजन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा किया गया है, जिसमें विद्वान अर्चकों के परामर्श के अनुसार श्री कृष्ण जन्माष्टमी को छह दिवसीय पर्व के रूप में मनाया जा रहा है।
आज, 27 अगस्त 2024, को श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्री लड्डू गोपाल की दूसरी दिन की आराधना सम्पन्न हुई। यह आराधना श्री विश्वेश्वर की रात्रि शयन आरती के पूर्व विष्णु सहस्रनाम के साथ की गई। सनातन परंपरा के अनुसार, श्री कृष्ण भगवान विष्णु के षोडश कलाओं से युक्त अवतार माने जाते हैं, और श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भगवान श्री हरि के कृष्ण जन्मोत्सव के आयोजन किए जाते हैं।
इस अनुष्ठान के अंतर्गत, षष्ठी तिथि के उपरांत, लड्डू गोपाल की पूजित प्रतिमा से पुनः विष्णुस्वरूप धारण करने की प्रार्थना की जाएगी। इस अवसर पर, 31 अगस्त को श्री काशी विश्वनाथ धाम में लड्डू गोपाल की प्रतिमा को सम्मानपूर्वक विदा कर अगले वर्ष के लिए आमंत्रण का अनुष्ठान संपन्न होगा।