Top News : अंतराष्ट्रीय समुदाय को उन देशों को अलग , थलग करना चाहिए और बेनकाब कर देना चाहिए जो आतंकवादियो को पनाह देते है : जय शंकर

अस्ताना । शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को आतंकवाद को लेकर जमकर खरीखोटी सुनाई है। बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ समेत कई देशों के नेता मौजूद थे। इस दौरान भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उन देशों को अलग-थलग करने और बेनकाब करने को कहा जो आतंकवादियों को प्रश्रय देते हैं, उन्हें सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराते हैं और आतंकवाद को नजरअंदाज करते हैं।जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर आतंकवाद को बेलगाम छोड़ दिया गया तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा बन सकता है ।कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्र प्रमुखों की परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचारों को रखते हुए जयशंकर ने कहा कि एससीओ का एक मूल लक्ष्य आतंकवाद से लड़ना है।जयशंकर ने सम्मेलन में कहा, “हममें से कई लोगों के अपने अनुभव हैं, जो अक्सर हमारी सीमाओं से परे सामने आते हैं। यह बात स्पष्ट होनी चाहिए कि अगर आतंकवाद को बेलगाम छोड़ दिया गया तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। किसी भी रूप या स्वरूप में आतंकवाद को उचित नहीं ठहराया जा सकता या माफ नहीं किया जा सकता।”जयशंकर ने पाकिस्तान और उसके सहयोगी चीन के परोक्ष संदर्भ में कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उन देशों को अलग-थलग करना चाहिए और बेनकाब कर देना चाहिए जो आतंकवादियों को पनाह देते हैं, सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करते हैं और आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। चीन ने अक्सर पाकिस्तान के वांछित आतंकवादियों को काली सूची में डालने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तुत प्रस्तावों को अवरुद्ध दिया है। उन्होंने कहा, “सीमापार आतंकवाद के लिए निर्णायक प्रतिक्रिया चाहिए और आतंकवाद के वित्तपोषण तथा भर्ती से दृढ़ता से निपटना होगा। हमें हमारे नौजवानों के बीच कट्टरता फैलाने के प्रयासों को रोकने के लिए सक्रियता से कदम उठाने चाहिए।”जयशंकर ने कहा कि पिछले साल भारत की अध्यक्षता के दौरान इस विषय पर जारी संयुक्त बयान नयी दिल्ली की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। उन्होंने रेखांकित किया कि एससीओ ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सदियों पुराने सिद्धांत का पालन करते हुए लोगों को एकजुट करने, सहयोग करने, बढ़ने और समृद्ध होने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है जिसका अर्थ है ‘पूरी दुनिया एक परिवार है’।जयशंकर ने बाद में एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की ओर से एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के शिखर सम्मेलन में भारत का वक्तव्य दिया।