उत्तर प्रदेशवाराणसी

Varanàsi : नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, मंच पर सजीव हुई लीला

वाराणसी। दिनांक 5 दिसंबर, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का दीक्षान्त मैदान बुधवार को उत्सव के रंग में रंगा रहा। एक तरफ ब्रज में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का आनन्द तो दूसरी ओर मिथिला में विवाह पूर्व धनुष यज्ञ का उत्साह। अवसर था ब्रह्मलीन परम पूज्य संत नारायण दास भक्तमालि (बक्सर वाले मामा जी) की सद्प्रेरणा से आयोजित सिय पिय मिलन महामहोत्सव के छठें दिन भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा प्रसंग का।
प्रखर भागवत वक्ता पूज्य देवकीनंदन ठाकुर ने मंच से जैसे ही प्रभु के प्राकट्य का वर्णन किया, सभी भक्तों ने एक दूसरे को बधाई दी और ‘नन्द के आनन्द भयो, जय कन्हैया लाल की’, ‘ओ साँवरे सबसे बड़ो तेरो नाम रे’, ओ जियो श्याम लाला, नीली तेरी पगड़ी, रंग काला’ आदि बधाई गीतों पर जमकर उत्सव मनाया।
कथा श्रवण कराते हुए देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सनातन धर्म मे वचन निभाने की परंपरा रही है, चक्रवर्ती राजा हरिश्चन्द्र ने सिर्फ अपने वचन की पूर्ति के लिए अपने सम्पूर्ण परिवार तक का त्याग कर दिया। उन्होंने कहा कि असली राजा वही है जो प्रजा के लिए स्वयं कष्ट उठाये। राम जन्म की कथा श्रवण कराते हुए कथाव्यास ने कहा कि राम ने रावण – कुम्भकर्ण का वध करने के लिए अवतार नही लिए थे, राम तो सम्पूर्ण मानव जाति को मानवता सिखाने के लिए प्रकट हुए थे। राम और धर्म एक दूसरे के पूरक है, उनमें कोई विभेद नही है। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीकृष्ण का प्राकट्य हो या प्रभु श्रीराम का, भगवान के सभी अवतार मानव जाति के कल्याण के लिए ही हुआ।
कथा के अंत मे बक्सर से आये त्रिदण्डी स्वामी गंगापुत्र महाराज, सिया दीदी, देवेंद्र पाण्डेय, अखिल भारतीय विद्वत परिषद के अध्यक्ष पण्डित कामेश्वर उपाध्याय, अशोक अग्रवाल गुरुकृपा, दीपक बजाज, सुनील अग्रवाल, संचित जैन, गदू भइया, सुरेश तुलस्यान, पुरुषोत्तम जालान, आयुष अग्रवाल, गोविंद शरण अग्रवाल, रवि बूबना, महेश चौधरी, कृष्ण कुमार काबरा, श्याम सुंदर लोहिया, राजेश भाटिया, सुशील लोहिया, श्रेयांश, वैभव, गोविंद, राघव, बादल, मन्नू, प्रेम मिश्रा आदि आरती में शामिल रहे। जन्मोत्सव में कविता भालोटिया, कृष्णा चौधरी, निधि अग्रवाल, मंजू अग्रवाल, इला भालोटिया, कुसुम अग्रवाल, संपत्ति जैन, निधि केडिया आदि शामिल रही।
मंच संचालन जय शंकर शर्मा एवं पंकज ने किया।
सीताराम विवाह महोत्सव में छठें दिन फुलवारी एवं धनुष यज्ञ लीला का भावपूर्ण मंचन हुआ। प्रभु श्रीराम ने जैसे ही शिव का धनुष भंग किया, चहुँओर आनंद का वातावरण हो गया। इसके बाद श्रीसीताराम के जयमाल की लीला का भी मंचन हुआ। इस मौके पर मामा जी द्वारा रचित ‘लीजै पहिरि जयमाला, सुनहु दशरथ जी के लाला’, ‘धनुष तोरल रघुनाथ की जगत आनन्द भेल है’ आदि भजनों से माहौल को राममय कर दिया। लीला का संचालन व्यास नरहरि दास जी महाराज ने किया। पात्र संयोजन अशोक कुमार मिश्रा ने किया।
आज की कथा पूर्वाह्न 11 बजे से आयोजित होगी, साथ ही हल्दी, मटकोर एवं बारात की लीला अपराह्न 02 बजे से शुरू होगी।

Advertisements

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button