उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण की बाल लीलास्थली रमणरेती, महावन, मथुरा में तीन हजार किलो वजन का घंटा

वाराणसी। श्रीगुरू काष्र्णि विद्याभवन, ट्रस्टी स्वामी ब्रजेशानन्द सरस्वती द्वारा पत्रकार वार्ता के दौरान बताया गया है कि भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलास्थली रमणरेती, महावन, मथुरा में तीन हजार किलो वजन का घंटा और। रमणरेतीधाम स्थित कार्णि उदासीन परिवार आश्रम में गुरुवार 23 मई वैशाख पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त मे वाराणसी में निर्मित तीन टन वजन का घंटा टंगेगा।

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पत्रकार वर्ता में समासेवी केशव जालान व निधिदेव अग्रवाल ने बताया कि मथुरा से कुछ दूर गोकुल क्षेत्र में स्थित रमणवन या रमणरेती नामक यह स्थान बीते युग की कहानियों से सुशोभित है। यहां की रेत पर श्रीकृष्ण अपने चरवाहे मित्रों के साथ खेलने आते थे। यह वह स्थान है जिसे श्रीकृष्ण ने अपने प्यार राधा से मिलने के लिए चुना था। यहा रमण बिहारी जी के प्राचीन मंदिर के साथ कुछ अन्य दिव्य मंदिर एक अभयारण्य और तपस्या के लिए संतो का प्रिय स्थान है।

तीर्थयात्रियों के लिए भी सभी सुविधाएं रमणरेतीधाम क्षेत्र में उपलब्ध है। स्वामी ब्रजेशानन्द ने बताया कि लगभग तीन हजार किलो वजन के इस घंटे को ढालने में मुख्य धातु पीतल के साथ कुछ अन्य धातुओं का भी इस्तेमाल किया गया है। इसे गुरुशरणानन्द जी के सानिध्य में आयोजित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान के साथ रमणरेतीधाम में स्थापित किया जाएगा।

इतना विशाल घंटा लगवाने का लाभ पूरे रमणरेतीधाम को मिलेगा। मंदिर के घंटे की आवाज कान में पहुंचने पर दर्शन जैसा ही लाभ मिलता है। इस विशाल घंटे को आज सड़क मार्ग से मथुरा भेजा जा रहा है।

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