उत्तर प्रदेशवाराणसी

Varanasi News: प्रोफेसर इशरत जहाँ की तीन पुस्तके सोजे इश्क , जेन नज्में तथा मानवाधिकार की संकल्पना का हुआ लोकार्पण

वाराणसी । शाहीन सरवर मेमोरियल सोसाइटी के तत्वावधान रविवार को स्थानीय पराड़कर स्मृति भवन में हिन्दी की विद्वान एवं प्रख्यात शायरा प्रो० इशरत जहाँ की तीन पुस्तकों सोज़े इश्क, ज़ेन नज्में तथा मानवाधिकार की संकल्पना (समीक्षात्मक पुस्तक) का लोकापर्ण काशी हिन्दू विश्वविद्यलाय हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अनुप, वशिष्ठ के मुख्य आतिथ्य, प्रो० अनिल यादव अध्यक्षत मे एवं प्रो० उमापति दिक्षित, डा० अत्रि भारद्वाज, डा० शम्स अजीजी ने संयुक्त रुप से किया।

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इस अवसर पर अनेक हिन्दी और उर्दू के विद्वान वक्ताओं ने कहा इशरत की शायरी समसामयिक एवं जिन्दगी की शायरी है। जिन्दगी के मुख्तलिफ पहलुओं पर पूरी शिद्दत और जीवन्तता के साथ अपनी पुस्तकों में कहती है।

इस अवसर पर अनेक प्रख्यात शायर और विद्वान कविगण अहमद आज़मी, शमीम गाजीपुरी, समर साहब, अजफर बनारसी, डा० अशोक सिंह, टिकाराम शर्मा, डा० करुणा सिंह, डा० मंजरी पाण्डेय, डा० सविता सौरभ, डा० प्रीती जायसवाल, डा० नसीमा निशा, डा० शबनम, डा० रेशमा, अब्दुला एडवोकेट, डा० विजेन्द्र पाण्डेय, त्रिलोकी प्रसाद एडवोकेट, सलीम राजा की मौजूदगी के साथ अनेक जिलों से आएअतिथिगण मौजूद रहें।

इस अवसर पर पराड़कर स्मृति भवन में मौजूद चयनित अतिथियों को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। उपरोक्त कार्यक्रम में प्रो० अनुप वशिष्ठ ने कहा कि डा० इशरत जहां की शायरी व अन्य रचनाएं गंगा-जमुनी तहजीब से लबरेज है। सम्पूर्ण कार्यक्रम का सफल संचालन डा० जावेद अनवर ने किया। धन्यवाद ज्ञापन न्यू सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल, रामनगर के निदेशक मुख्तार अहमद ने किया।

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